आदेशानुसार अध्यक्ष मंजू देवी सोनी के खिलाफ राजस्थान नगरपालिका अधिनियम 2009 की धारा 39 के अंतर्गत राज्य सरकार ने निलंबन की कार्रवाई की है। सरकार के आदेश की पालना शुक्रवार दोपहर बारह बजे बाद कराई गई।
आरोप है कि मंजू देवी सोनी के अध्यक्ष पद पर निर्वाचित होने पर दो बार शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया गया। द्वितीय समारोह को भाजपा का कार्यक्रम बताकर समारोह में एक लाख पच्चीस हजार आठ रुपया का व्यय कर राजकीय कोष को क्षति पहुंचाने की शिकायत है। इस संदर्भ में प्राप्त शिकायत पत्र में अंकित बिंदुओं की उपनिदेशक (क्षेत्रीय) स्थानीय निकाय विभाग उदयपुर की ओर से जांच की गई।
सोनी का कहना है कि निलम्बन आदेश राजनीति से प्रेरित है और नियमों के विरुद्ध है। उक्त मिथ्यागत शिकायत पर बिना सुनवाई का अवसर दिए जांच रिपोर्ट दी गई है। राज्य की कांग्रेस सरकार प्रदेश में भाजपा के निर्वाचित निकाय प्रमुखों को निलंबित करवा कर लोकतंत्र का गला घोंटने कार्य कर रही है।
भाजपा प्रत्याशी मंजू देवी सोनी ने 30 जनवरी 2021 को वार्ड संख्या 3 से चुनाव जीता था। सोनी ने कांग्रेस प्रत्याशी हरीश जयसवाल को 28 मतों से पराजित किया था। सोनी 13 फरवरी को कांग्रेस समर्थित मंजू देवी आचार्य को महज एक मत से पराजित कर नगर पालिकाध्यक्ष चुनी गई थी। अध्यक्ष का पद अन्य पिछड़ा वर्ग की महिला के लिए आरक्षित है।
सोनी के निलंबन की भाजपा नेताओं ने निंदा की है। पूर्व कैबिनेट मंत्री श्रीचंद कृपलानी, भाजपा जिलाध्यक्ष गौतम दक , विधायक अर्जुनलाल जीनगर, चंद्रभान सिंह आक्या व ललित ओस्तवाल, जिला प्रमुख सुरेश धाकड़, पूर्व विधायक बद्री लाल जाट ,भाजपा नगर मंडल अध्यक्ष पंकज सिरोया, पालिका उपाध्यक्ष एजाज अली, भाजपा नेता नंदकिशोर टेलर आदि ने राज्य सरकार के इस निर्णय को लोकतंत्र का गला घोंटने वाला कार्य बताया है।