भीलवाड़ा। तीर्थंकर के प्रतिनिधि तेरापंथ धर्मसंघ के एकादशम अधिशास्ता आचार्य महाश्रमण के सान्निध्य में गुरुवार को तेरापंथ के आद्यप्रवर्तक आचार्य भिक्षु का 296 वां जन्मोत्सव एवं बोधि दिवस मनाया गया। महाश्रमण सभागार में आचार्य ने कहा कि तेरापंथ के प्रथम आचार्य भिक्षु दृढ़ संकल्प शक्ति, आचार निष्ठा से साधना के मार्ग पर निरन्तर गतिमान रहे। आचार्य भिक्षु का जीवन उनके कर्तृत्व और व्यक्तित्व से और महान बन गया। उनके जीवन में कितनी विघ्न-बाधाएं आयी परन्तु वे आत्म कल्याण के पथ पर डटे रहे। कुछ अंशों में भगवान महावीर और आचार्य भिक्षु में साम्य देखा जा सकता है। प्रभु महावीर की निश्रा में भिक्षु स्वामी ने भी नए रूप में चार तीर्थ की स्थापना की। आचार्य कहा कि आचार्य भिक्षु का बोधि दिवस है। भिक्षु औत्पतिक बुद्धि के धनी थे। उनमें विशेष प्रतिभा, प्रज्ञा के साथ ही ज्ञान के प्रतिपादन का भी बल था। आचार्य भिक्षु ने कितने ही आगमो, शास्त्रों का गहन अध्ययन किया और प्रतिपादित किया। सत्य का अन्वेषण करके अपनी तार्किक बुद्धि से ऐसे पंथ का निर्माण किया जिसकी मजबूत गहरी नींव से आज ये संघ चहुं दिशा में आलोकित है। मुनि मोहजीत, मुनि उदित, मुनि संबोध, साध्वी मननयशा, समणी नियोजिका अमल प्रज्ञा ने भावनाएं जताई। ——– एसपी ने किए आचार्य के दर्शन पुलिस अधीक्षक विकास शर्मा ने आचार्य के दर्शन कर आशीर्वाद लिया। सीओ सिटी भंवर रणजीत सिंह, कोतवाली प्रभारी डीपी दाधीच मौजूद थे। शर्मा ने कोरोना गाइड लाइन की पालना करने के निर्देश चातुर्मास समिति को दिए। चिकित्सा विभाग ने गुरुवार को भी मुख्य द्वार व भोजनशाला के पास आरटीपीसीआर टेस्ट किए।