चार थानों के पुलिस जाप्ते, पुलिस उपाधीक्षक, तहसीलदार, प्रशासनिक अधिकारी व कर्मचारियों की मौजूदगी में बिंदौली निकाली गई। पहली बार ऐसा मौका आया जब गांव में दलित दूल्हे व दुल्हन की बिंदौली एक साथ निकाली गई। बरोदा निवासी दुर्गालाल ने अपने पुत्र और पुत्री की शादी में घोड़ी पर बिंदौली निकलवाने के लेकर 3 मई को उपखंड अधिकारी सुरेंद्रबी पाटीदार को प्रार्थना पत्र दिया था।
इसमें बताया कि वह अपने पुत्र सोनू उर्फ सुनील और पुत्री चीना के विवाह पर 9 मई को घोड़ी पर बिंदौली निकालना चाहता है। उन्होंने अंदेशा जताया कि कुछ लोग घोड़ी पर बिंदोरी नहीं निकलने देंगे। पूर्व में भी बहन की शादी में दूल्हे की बिंदौली घोड़ी पर निकलना चाहते थे लेकिन अन्य समाज के लोगों के विरोध करने पर बिदौली घोड़ी पर नहीं निकाली गई। अंबेडकर मंच के सदस्यों ने भी इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री, गृह मंत्रालय तक पत्र लिखकर परिवार को सुरक्षा दिलवाले की मांग की थी। इसके बाद जिला कलक्टर और पुलिस अधीक्षक शाहपुरा ने सुरक्षा प्रदान की।