एसीबी के राडार पर चल रहे नगर विकास न्यास के कई निर्णय विवाद में है। हाल में जिस प्रकार से यहां अभियंताओं व अधिकारियों में वर्चस्व की लड़ाई छिड़ी हुई है, उसकी खासी चर्चा है। लोगों का कहना है कि लगता है कि नगर विकास न्यास में यकायक कामकाज का बोझबढ़ गया है। जिस प्रकार से लिंक अधिकारियों की नियुक्ति के आदेश धड़ल्ले से निकल रहे है, उससे लग रहा है कि प्रभारी अधिकारी के एक दिन के भी अवकाश पर रहने की स्थिति में न्यास को बड़ा नुकसान हो सकता है।
यह है नया आदेश
कार्यवाहक न्यास सचिव महिपाल सिंह ने शुक्रवार को एक और नया आदेश जारी किया। आदेश के अनुसार विशेषाधिकारी रजनी माधीवाल के अवकाश की स्थिति में नियमन शाखा के मामले में सहायक लेखाधिकारी ,भूमि अवाप्ति शाखा में नायब तहसीलदार व संस्थागत आवंटन शाखा में उपनगर नियोजक लिंक अधिकारी होंगे। इसी प्रकार उपनगर नियोजक अनुपम शर्मा के अवकाश की स्थिति में सहायक नगर नियोजक लिंक अधिकारी होंगे। इधर, जिला प्रशासन ने न्यास के मौजूदा हालात को देखते हुए सचिव, तहसीलदार समेत अन्य रिक्त पदों पर तुरंत स्थाई नियुक्ति के लिए राज्य सरकार को लिखा है।
तहसीलदार का नहीं लिंक अधिकारी
बिजौलियां नायब तहसीलदार शैतानसिंह यादव को अभी जिला कलक्टर ने बिजौलियां तहसीलदार के साथ ही नगर विकास न्यास के तहसीलदार का अतिरिक्त कार्य भार काम सौंप रखा है, वे न्यास में कम आते है, लेकिन जरूरत पडऩे पर वह बिजौलियां से ही ऑनलाइन काम कर लेते है। हालांकि उनका लिंक अधिकारी अभी तक कोई नहीं रहा।
यूडीएच एक्ट के अनुरूप ठीक नहीं जानकार बताते है कि नगरीय विकास विभाग के प्रावधानों के अनुसार न्यास सचिव व विशेषाधिकारी के अवकाश की स्थिति में दोनों के अधिकार एक दूसरे में निहित हो जाते है, क्यूंकि दोनों आरएएस अधिकारी है। उनका मानना है कि शुक्रवार को जारी न्यास सचिव का यह आदेश विवादास्पद है, क्यूंकि आरएएस अधिकारी का लिंक अधिकारी एक सामान्य अधिकारी को नियुक्त किया जाना नियम विपरीत है।
खुलासे पर बदल गए कागजात
नेहरू विहार मुख्यमंत्री जन आवास योजना के नक्शे में बदलाव को लेकर गत छह जुलाई को ले आउट कमेटी के तीन सदस्यों के अवकाश पर होने की स्थिति में आनन फानन में तीन लिंक अधिकारियों की नियुक्ति की गई, लेकिन राजस्थान पत्रिका में समूचे मामले का खुलासा होने पर योजना के नक्शे में बदलाव को लेकर लगाए गए कागजात हट गए और हस्ताक्षरों तक में कांट छांट हो गई।
सात दिन में भी नहीं मिला कक्ष
अधिकारों के वर्चस्व की लड़ाई के फलस्वरूप न्यास में अभी एक सीट पर दो अधीक्षण अभियंता है। नगरीय विकास विभाग के एपीओ करने के आदेश के खिलाफ राजस्थान उच्च न्यायालय जयपुर से आदेश लेकर आए अधीक्षण अभियंता संजय माथुर को सात दिन में अभी तक काम तो दूर बैठने के लिए कक्ष ही नहीं मिला है।
आंतरिक व्यवस्था का हिस्सा विभागीय कार्य प्रभावित नहीं हों और जनता के काम नहीं रूके, इसके लिए शाखा प्रभारियों के अवकाश की स्थिति को देखते हुए लिंक अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। विशेषाधिकारी भी विभागीय शाखा का हिस्सा है। लिंक अधिकारियों की नियुक्ति न्यास की आंतरिक व्यवस्था का भाग है।
– महिपाल सिंह, कार्यवाहक, सचिव नगर विकास न्यास, भीलवाड़ा