बसंत पंचमी के दिन शनि देव गोचर करने वाले हैं। 2 फरवरी को सुबह 8 बजकर 51 मिनट पर कर्मफल दाता शनि पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में गोचर करेंगे, जहां पर वह 2 मार्च तक विराजमान रहेंगे। बसंत पंचमी के दिन शिव योग, सिद्ध योग और साध्य योग का भी अद्भुत संयोग बन रहा है। सभी प्रकार शुभ कार्य करना श्रेष्ठ रहता है। ये अबूझ मुहूर्त माना गया है। इस दिन शादी-ब्याह संबंधित व वाहन, व्यापार, वस्त्राभूषण आदि खरीदना श्रेष्ठ रहेगा ।
मां सरस्वती की पूजा पंडित अशोक व्यास ने बताया कि ज्ञान की देवी मां सरस्वती माघ माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को ही ब्रह्माजी के मुख से प्रकट हुई थीं। इसलिए बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा की जाती है। सरस्वती मां को ज्ञान की देवी कहा जाता है। इस दिन पूरे विधि-विधान से मां सरस्वती की पूजा करने से वो प्रसन्न होती है। मां सरस्वती का विधिपूर्वक स्मरण व पूजा करने से भक्त को बुद्धि और विद्या का वरदान मिलता है। इस दिन सबसे पहले पीले वस्त्र धारण कर लें। बसंत पंचमी के दिन देवी मां को सफेद वस्त्र अर्पित करें। साथ ही खीर अथवा दूध से बने प्रसाद का भोग मां सरस्वती को लगाएं।