भीलवाड़ा

Bhilwara news : जिंदा की होती है निंदा…घबराओ मत…

हनुमंत कथा: दूसरे दिन सुंदरकांड की महिमा का बखान, आज खुलेंगे पर्चे
म्हारे घट में विराजे श्रीनाथजी, मुझे ऐसी लगन लगाई… भजन पर झूमे श्रोता

भीलवाड़ाNov 08, 2024 / 09:52 am

Suresh Jain

The living are condemned… don’t worry…

Bhilwara news : भीलवाड़ा. हनुमंत कथा के दूसरे दिन गुरुवार को बागेश्वर के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने भक्तों से हनुमानजी महाराज की भक्ति, विनम्रता और प्रभु प्रेम के विभिन्न प्रसंगों पर चर्चा की। सुंदरकांड की सुंदरता का वर्णन किया। बोले-हनुमानजी की पहचान साधु संत के तुम रखवारे से हो जाती है।
पांच दिवसीय कथा में जन सैलाब उमड़ा तो पांडाल छोटा पड़ गया। लोग डोम से बाहर बैठकर कथा सुनते रहे। छोटी हरणी हनुमान टेकरी के काठियाबाबा आश्रम के महंत बनवारीशरण के सानिध्य में टेकरी के हनुमानजी कथा समिति के तत्वावधान में आरसीएम ग्राउंड पर कथा में शास्त्री ने सुंदरकांड पाठ की महिमा बताई। उन्होंने कहा कि सात कांड में सुंदरकांड इकलौता है, जिसमें भक्त की महिमा गाई है। हनुमानजी वानर है यानी जो नर में सबसे श्रेष्ठ है, उसे वानर कहते हैं।
उन्होंने रुद्र अवतार हनुमानजी के जीवन को प्रेरणादायी बताया व जैसलमेर के विजयप्रताप के पत्र की चर्चा की। तनाव मुक्ति के कारण और उपाय बताए। बोले-हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए एकजुट होकर कार्य करना होगा। बागेश्वर धाम का दिव्य दरबार शुक्रवार सुबह 10 से दोपहर 1 बजे तक लगेगा। इससे पहले गुरुमंत्र भी दिया जाएगा। दिव्य दरबार में शास्त्री भक्तों के पर्चे खोलेंगे।
हनुमानजी के पास थी कई सिद्धियां

शास्त्री बोले, राम भक्त हनुमानजी को अष्ट सिद्धि और नौ निधियों का ज्ञाता कहा जाता है, लेकिन कभी अभिमान नहीं किया। चौपाई अष्ट सिद्धि नव निधि के दाता, अस बर दीन जानकी माता’ से स्पष्ट है कि हनुमानजी ही ऐसे देवता है जिन्हें माता जानकी ने आठ दिव्य सिद्धियां (शक्तियां) और नौ निधियां प्राप्त करने का वरदान दिया था। उन्होंने कहा कि प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया, राम लखन सीता मन बसिया श्री रामचरित सुनने में आनन्द रस लेते हैं। उन्होंने हिंदू एकता का संदेश देते हुए कहा कि ऐसा नजारा देख धर्म विरोधी घबरा रहे हैं। कोई निंदा करे तो घबराओ मत क्योंकि निंदा उसी की होती है जो जिंदा होते हैं। हालात विपरीत होने पर शांति और अनुकूल होने पर क्रांति का आह्वान किया।
स्वच्छताकर्मियों ने की आरती

शास्त्री ने जातपांत का भेद मिटा सामाजिक सद्भाव व सनातन एकता की मिसाल कायम की। व्यास पीठ पर विराजित शास्त्री की आरती स्वच्छताकर्मियों ने की। शास्त्री ने जगदीश को गले लगाया तो वह भावुक हो गया।
भक्ति का छाया रंग

कथा के दौरान भक्ति का रंग छाया रहा। म्हारे घट में विराजे श्रीनाथजी भजन गाया तो श्रोता अपनी जगह खड़े होकर झूमने लगे। मुझे ऐसी लगन लगाई भजन भी गाया। पांडाल में जयश्री राम, हर हर महादेव ओर जय बालाजी महाराज के जयकारे गूंजते रहे। कथा सुनने महिलाए सुबह 10 बजे से पहुंचने लगी।
मंच पर थे संत

मंच पर महंत बनवारीशरण, महंत हंसाराम, महंत लक्ष्मणदास त्यागी, महंत बाबूगिरी, महंत मोहनशरण शास्त्री मौजूद रहे। अतिथियों का आयोजन समिति अध्यक्ष गोपाल खण्डेलवाल, संरक्षक त्रिलोकचंद छाबड़ा, प्रकाशचन्द छाबड़ा, महावीरसिंह चौधरी, कैलाशचन्द्र कोठारी, संयोजक आशीष पोरवाल, महासचिव श्यामसुंदर नौलखा ने स्वागत किया। फिल्म कलाकार अर्पित रांका ने शास्त्री की मुलाकात की।
हनुमान मंदिर के नक्शे का विमोचन

छोटी हरणी हनुमान टेकरी स्थित काठिया बाबा आश्रम में हनुमान टेकरी पर हनुमान का मंदिर बनेगा। मंदिर के मंहतबनवारीशरण के सानिध्य में मंदिर का तैयार नक्शे का विमोचन शास्त्री ने किया।
बालिकाओं ने पूछे सवाल

कथा के समापन के बाद शास्त्री से कई बालिकाओं ने सवाल किए। एक बालिका के सवाल पर शास्त्री बोले-जब बालिकाएं हिंदू राष्ट्र के लिए आवाज उठाने लगेगी तभी हिंदू राष्ट्र बन जाएगा। ज्योति, सुशीला स्वर्णकार, आंचल सोनी, विनिता प्रजापति आदि ने सवाल किए। एक बालिका ने शास्त्री को घर पर चाय का न्योता दिया। एक ने अर्जी लगाने संबंधी सवाल पूछा।

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