तीन दिन में 150 से अधिक परिवेदनाएं जमा 6 दिसंबर को निकाली गई अधिशेष शिक्षकों की सूची में करीब 200 ऐसे शिक्षक हैं, जिनका या तो दूर पदस्थापन किया है या फिर ब्लॉक बदल दिया गया। इससे परेशान शिक्षकों ने तीन दिन तक अपनी परिवेदनाएं मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय (मुख्यालय) में जमा कराई हैं। शनिवार रात निकाली गई सूचियों के बाद रविवार का अवकाश हो गया था। इस वजह से तीन दिन में शिक्षकों ने 150 से अधिक परिवेदनाएं जमा कराई। परिवेदनाओं का निस्तारण के लिए कमेटी बनाई है। वह सुनने के बाद इन आवेदनों को मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी के सामने रखा जाएगा। इसका निस्तारण 13 दिसंबर को होने की संभावना है।
शिक्षक संगठनों का विरोध जारी स्कूलों में अधिशेष शिक्षकों के समायोजन में निर्देशों की पूरी तरह पालना नहीं किए जाने से अधिशेष शिक्षकों की समस्या का समाधान होने की बजाए मामला उलझ गया है। शिक्षक संघ (प्रगतिशील) के प्रदेशाध्यक्ष नीरज शर्मा ने बताया कि शिक्षा अधिकारियों को पहले उन विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के समायोजन आदेश जारी करने थे, जिनमें उनका उसी स्कूल में समायोजन हो सकता था। लेकिन अधिकारियों ने ऐसा नहीं किया। उन्होंने बताया कि ऐसे स्वयं के स्कूल में समायोजन वालों के आदेश अधिकांश शिक्षा अधिकारियों ने जारी नहीं किए। इससे परिवेदना देने वालों का समायोजन उन स्कूलों में रिक्त पदों पर होने की संभावनाएं बढ़ गई हैं, जिन पदों पर वहां कार्यरत शिक्षकों का समायोजन करने के निर्देश हैं। शर्मा ने मांग की है कि समायोजन के दिशा निर्देशों तथा एफएक्यू की पालना में जिन स्कूलों में रिक्त पद हैं या स्टाफिंग पैटर्न के तहत पद स्वीकृत माने जाने हैं, वहां कार्यरत शिक्षकों के उसी स्कूल में समायोजन आदेश जारी किए जाएं।
टाला जा सकता था स्थिति को अगर विभाग काउंसलिंग के माध्यम से पदस्थापन करता, तो कई महिला शिक्षिकाओं को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता था। लेकिन विभाग ने बिना काउंसलिंग के अधिशेष शिक्षिकाओं का पदस्थापन कर दिया। इसमें दिव्यांग, एकल, विधवा महिलाओं के अलावा असाध्य बीमारी से पीड़ित शिक्षक भी शामिल हैं। जिन शिक्षिकाओं ने अपनी परिवेदनाएं जमा कराई हैं, उनमें एकल, दिव्यांग एवं असाध्य रोगी भी शामिल हैं। अब शिक्षा निदेशक सीताराम जाट ने आदेश जारी करें कि 13 दिसंबर तक परिवेदनाओं का निस्तारण करें।