ग्रामीणों ने ज्ञापन में बताया है कि पानी खारी नदी में छोड़े जाने से हम किसानों के कुएं में पानी आएगा जिससे जीवन स्तर में सुधार होगा साथ ही पीने के पानी के स्त्रोत भी रीचार्ज होंगे, ऐसे में कई गावों के बाशिन्दों व पशुओं को गर्मी के मौसम में पेयजल समस्या से जूझना नहीं पड़ेगा। फ्लोराइड युक्त पानी नहीं पीना पड़ेगा।
जानकारी के मुताबिक, चार दिन पूर्व दो गांव खारी नदी के पानी को लेकर आमने-सामने भी हो गए थे, जिस पर तीन थानों की पुलिस मौके पर पहुंची व जनप्रतिनिधियों के मध्य हुई वार्ता के उपरांत बांध में पानी छोड़े जाने की बात हुई थी, लेकिन इस फैसले से नाखुश कानिया गांव से लेकर खाती खेड़ा तक के किसान खारी नदी में पानी छोड़े जाने की मांग पर अड़े हुए हैं।
आज सैकड़ों की तादाद में विभिन्न गांव के किसान वर्ग के लोग उपखंड कार्यालय पहुंचे, जहां पर मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम रोहित चौहान को ज्ञापन सौंपा है व वैज्ञानिक रूप से बांध का भराव करने पर आक्रोश जताते हुए, खारी नदी में पानी छोड़े जाने की मांग की है। ज्ञापन में बताया गया कि नदी के सीमांत गांव में पानी छोड़ा जाए।
अजमेर, भीलवाड़ा, ब्यावर, केकड़ी, शाहपुरा जिले वासियों को जिनकी आबादी 30 लाख से ऊपर है, वे 700 – 800 रुपए में फ्लोराइड युक्त पानी का टैंकर खरीद कर उपयोग में लेने को मजबूर हैं। ज्ञापन में कानिया, शिव नगर, पाटियों का खेड़ा, लाम्बा, गुलाबपुरा, हुरडा, आनंदीपुरा, खाती खेड़ा, लक्ष्मीपुर, कोटडी, जालिया द्वितीय, सूती खेड़ा, बड़ा आसन, बाड़ी, बरल द्वितीय, विजयनगर, नगर, बडली आदि गांव निवासियों द्वारा मांग की गई व आगामी 24 घंटे के अंदर बांध का पानी रोक कर खारी नदी में नहीं छोड़ा गया तो समस्त जनता उग्र आंदोलन पर मजबूर होगी, जिसकी समस्त जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।