जिले के दूरदराज क्षेत्रों में स्कूलों के अवलोकन के लिए कुछ वर्ष पूर्व अधिकारी निर्धारित प्रपत्र अपने साथ रखते थे। इसके बाद अपनी पसंद के स्कूलों में निरीक्षण कर लक्ष्य पूर्ण कर देते थे, लेकिन अब स्कूल शिक्षा विभाग से स्कूलों के अवलोकन के लिए शाला संबलन एप डाउनलोड कर अवलोकन किया जाएगा।
डेटा सेंट्रल एजेंसी के पास होगा जमा एप की ओर से जिले के साथ प्रदेश के सरकारी स्कूलों का हर महीने निरीक्षण का लक्ष्य दिया जाता है। इसमें विभाग में पदस्थापित संदर्भ व्यक्ति से लेकर सीबीईओ, कार्यक्रम अधिकारी, एपीसी, एडीईओ, डीईओ व सीडीईओ को स्कूल निरीक्षण करना होता है। अब शाला संबलन एप के अपडेट से अधिकारियों को स्कूल जयपुर से अलॉट हो रही है। निरीक्षण होने पर डेटा सेंट्रल एजेंसी में जमा होता है। ऐसे में जानकारी विभाग को पता चल जाता है कि किस अधिकारी ने किस माह में व कौनसे स्कूलों का निरीक्षण किया है।
इनको करना होगा निरीक्षण शाला संबलन एप से स्कूलों का निरीक्षण के लिए पंचायत स्तर पर पदेन प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी (पीईईओ) से लेकर संयुक्त निदेशक स्तर के सभी जिला एवं ब्लाक स्तर के अधिकारियों को निरीक्षण करना होगा। जिस दिन निरीक्षण करने पहुंचेंगे, उसी समय एप पर संबंधित जानकारी भी अपलोड करनी होगी। आरपी-पीईईओ को 10-10, एसीबीईओ, सीबीईओ, एडीईओ, सहायक निदेशक, डीईओ व सीडीईओ को भी स्कूलों का निरीक्षण करना होगा।
ये होंगे फायदे ग्रामीण स्कूलों तक पहुंचेंगे अधिकारी : एप से जिले की किसी भी स्कूल अधिकारी को आबंटित हो सकती है, उन्हें वहां जाना होगा, जिससे स्कूल की वस्तुस्थिति सामने आएगी। शैक्षणिक सुधार के सुझाव : सीनियर सैकंडरी से लेकर प्राइमरी स्कूल में जाकर अधिकारी शिक्षण व्यवस्था में सुधार के सुझाव देंगे, मौजूदा व्यवस्था की जानकारी लेंगे।
स्कूल की हर गतिविधि का पता चलेगा : अधिकारी स्कूल में नामांकन से लेकर स्टाफ, पढ़ाई, रिजल्ट सहित अन्य जानकारी ऑनलाइन एप में भरेंगे। हर शिक्षा अधिकारी को निरीक्षण जरूरी शाला संबलन एप के माध्यम से हर शिक्षा अधिकारी को आवंटित स्कूल का निरक्षण करना आवश्यक है। इसमें कई तरह के सवाल भी होते हैं। इससे समस्या का समाधान भी करना आवश्यक है। ऐसे नहीं होने पर अधिकारी को नोटिस भी जारी हो सकते है।
डॉ. रामेश्वर लाल जीनगर, सीबीईओ भीलवाड़ा