भीलवाड़ा

Bhilwara news : पुनर्वसु व पुष्य नक्षत्र में कल मनाएंगे मकर संक्रांति

सूर्य देव अपने पुत्र शनि की राशि में करेंगे प्रवेश

भीलवाड़ाJan 13, 2025 / 11:50 am

Suresh Jain

Makar Sankranti will be celebrated tomorrow in Punarvasu and Pushya constellation

Bhilwara news : सनातन धर्म में मकर संक्रांति का विशेष महत्व है। शास्त्रों के अनुसार जब सूर्य धनु राशि की यात्रा को समाप्त कर अपने पुत्र शनि की राशि मकर में प्रवेश करते हैं, तब मकर संक्रांति मनाई जाती है। इस बार माघ कृष्ण चतुर्थी मंगलवार को पुनर्वसु व पुष्य नक्षत्र के युग्म संयोग में संक्रांति मनाएंगे।
पंडित अशोक व्यास ने बताया कि सूर्य देव 14 जनवरी को सुबह 8:54 बजे अपने पुत्र शनि की स्वामित्व वाली मकर राशि में आएंगे। शुभ संयोग होने से मकर संक्रांति पर दान, स्नान और जप का महत्व बढ़ जाता है। संक्रांति के बाद सूर्य उत्तरायण हो जाता है। मान्यता है कि संक्रांति पर सूर्य पूजा से अक्षय पुण्य के साथ ही स्वास्थ्य लाभ भी मिलते हैं। जरूरतमंद लोगों को धन, अनाज और तिल-गुड़ का दान, गोशाला में हरी घास और गायों की देखभाल के लिए धन का दान करने व अभी सर्दी के समय जरूरतमंद लोगों को ऊनी वस्त्र या कंबल दान का भी महत्व है।
पिता-पुत्र से संबंधित त्योहार

संक्रांति के दिन सूर्य धनु राशि से निकल कर अपने पुत्र शनि की राशि मकर में प्रवेश कर एक मास निवास करते हैं। इससे यह पर्व पिता व पुत्र की आपसी मतभेद को दूर करने तथा अच्छे सम्बन्ध स्थापित करने की सीख देता है। सूर्य के मकर राशि में आने पर शनि से संबंधित वस्तुओं के दान व सेवन से सूर्य के साथ शनिदेव की कृपा होती है।
अलग-अलग नामों से पहचान

यह त्योहार देश में अलग-अलग नामों से भी मनाया जाता है। कुछ जगहों पर इसे संक्रांति, पोंगल, माघी, उत्तरायण, उत्तरायणी और खिचड़ी जैसे नाम से जाना जाता है। इस दिन खिचड़ी खाने और दान करने का विशेष महत्व है।

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