तालाब में चारो तरफ फैली गंदगी तालाब के चारों तरफ गंदगी फैली हुई है। किनारे पर प्लास्टिक के थैलियां जमा है। तालाब से जुड़े बंधे पर जलकुंभी फैली हुई है। इसके कारण मवेशी भी उसकी और आकर्षित हो रहे है। जबकि बंधे की कई जगह पर दीवार टूटी है।
तालाब में अब भी आ रहे सात नाले तालाब में अब भी शास्त्रीनगर समेत अन्य कॉलोनियों के सात नाले मिल रहे है। यह पानी सिवरेज का है। मेन नाला जो शास्त्रीनगर से आ रहा है उसमें ऑयल, ग्रीस, केमिकल समेत अन्य प्रदूषित पानी आकर मिल रहा है। लेकिन उसे रोकने के नगर निगम के पास कोई योजना नहीं है।
सर्विस सेंटर का आ रहा पानी आजादनगर, ट्रांसपोर्ट नगर, कुंभा सर्कल, पन्नाधाय सर्कल समेत अन्य क्षेत्र में वाहन धोने के लिए लोगों ने अवैध रूप से सर्विस सेंटर खोल रखे है। सेंटरों पर प्रतिदिन ट्रक, ट्रेलर, चौपहिया व दुपहिया वाहनों की धुलाई होती है। इसका गंदा पानी नाले के माध्यम से तालाब में आ रहा है। प्रदूषण नियंत्रण मंडल की टीम अपने स्तर पर इनका सर्वे करवा रही है।
फैक्ट फाइल
- 6 साल पहले एनजीटी की टीम ने किया था दौरा।
- 6 माह में इसकी दशा सुधारने के लिए निगम ने दिया था शपथ पत्र।
- पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने इस तालाब को सबसे गंदा तालाब कहा था।
- अब तक रहे जिला कलक्टरों ने दौरा कर इसे पर्यटक स्थल बनाने की बात कहीं थी।
- एक करोड़ की लागत से नाले का निर्माण करवाया था वह एक माह में ही बंद हो गया था।
- तालाब में सात गंदे पानी के नाले आ रहे है। इसमे थर्माकॉल, प्लास्टिक की थैलिया आ रही है।
- पानी में आक्सीजन की मात्रा बनी रहे इसके लिए चार फाउटेन लगाए जो बंद पड़े है।
हमारे पुरखों की प्राचीन धरोहर है। पुराने जमाने में इसे तेजाजी का तालाब बोलते थे। यहां धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम होते थे। गर्मी के दिनों में लोग नहाने आते थे, लेकिन आज इसकी दशा ठीक नहीं है।
बाबूलाल जाजू, पर्यावरणविद डीपीआर बना रहे गंदा पानी को तालाब में जाने से रोकने के लिए नाला बनाया जाएगा। इसकी डीपीआर बनाई जा रही है। हेमाराम चौधरी, आयुक्त नगर निगम