अधिकारियों का मानना है कि जब एक ही पहाड़ है और पहले से ही एक खदान से क्वार्टजाइट निकाल रहा है तो चार ब्लॉक में चुनाई पत्थर कैसे निकल सकते है? यह बड़ा सवाल है। अधिकारियों में चर्चा है कि चुनाई पत्थर निकालने के लिए ओडिशा की दो कम्पनी निम्बाहेड़ा कैसे आएगी? अब अधिकारी मामला दबाने में लगे हैं।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान पत्रिका के एक जनवरी के अंक में प्रकाशित क्वार्टजाइट को चुनाई पत्थर बता नीलाम कर दिए ब्लॉक समाचार के बाद खान निदेशक ने जांच के लिए चार कमेटी बनाई थी। चारों कमेटी ने रिपोर्ट निदेशालय उदयपुर को भेजी। इनमें एक रिपोर्ट में कई सवाल खड़े किए गए हैं। रिपोर्ट का विभाग ने खुलासा नहीं किया है, लेकिन जांच अधिकारी का दावा है कि मामले में कुछ तो गड़बड़ी हुई है।
पहले से चल रही लीज निम्बाहेड़ा में कई लीज क्वार्टजाइट के नाम से चल रही है। एमएल संख्या 29/2010 महक एग्रो इंडिया लिमिटेड के नाम से लीज चल रही है। इस खदान के पास ही ब्लॉक संख्या 85, 86, 87, 88 चार ब्लॉक बनाकर चुनाई पत्थर के नाम से नीलाम किया। यह एक ही पहाड़ी है। इसका जब जांच अधिकारी ने मौका देखा तो चौक गए। इसका उल्लेख जांच रिपोर्ट में किया है। ब्लॉक के सैम्पल की जांच रिपोर्ट का अभी खुलासा नहीं किया है।
इन दो कम्पनियों ने लिए पांच ब्लॉक ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले के राउरकेला स्थित माता दधिमती मेटल्स एंड मिनरल्स ने ब्लॉक संख्या 83 व 75 तथा ओडिशा के राजगांगपुर स्थित प्रभु स्पोंज प्राइवेट लि. ने ब्लाॅक संख्या 76, 82 तथा 84 को नीलामी से अपने नाम छुड़ाया है। यह दोनों कम्पनी क्वार्टजाइट का काम करती है।
एक का किया तबादला खनिज विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि मामले की जांच चल रही है। मामले में एक अधिकारी को निम्बाहेड़ा से हटाकर अन्य स्थान पर लगाया है। क्वार्टजाइट को चुनाई पत्थर बता नीलामी से विभाग की छवि को नुकसान हुआ। निदेशालय के अधिकारी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच कर रहे हैं।