योजना में ऐसे मिलेगा लाभ राजीव गांधी कृषक साथी सहायता योजना 2009 की जगह अब योजना का नाम मुख्यमंत्री कृषक साथी सहायता योजना कर दिया गया है। इसके बावजूद पूर्व के नियमों के तहत ही आश्रितों को सहायता राशि स्वीकृत की जाएगी। सहायता के लिए आवेदन पत्र के साथ दुर्घटना का पूर्ण विवरण, एफआईआर, पंचनामा, मौका नक्शा, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, स्वयं के खेत की जमाबंदी, गिरदावरी, मजदूर होने पर खेत मालिक का विधिक बंटवारा, शपथ पत्र, मृत्यु प्रमाण पत्र, पहचान पत्र, वोटर आईडी, आधार कार्ड, राशन कार्ड, बैंक पासबुक की प्रति व अन्य दस्तावेज संलग्न करने होंगे। इसके बाद उक्त योजना का लाभ मृतक के आश्रितों को सरकार की ओर से दिया जाएगा।
कोमा में जाने पर मिलेंगे दो लाख राजीव गांधी कृषक साथी सहायता योजना का नाम अब बदलकर मुख्यमंत्री कृषक साथी सहायता योजना किया है। इसके अलावा कोमा में जाने पर अब लाभार्थी को 50 हजार की जगह 2 लाख रुपए की सहायता राशि दी जाएगी। इस योजना में कृषि कार्य करते समय किसानों के दुर्घटनाग्रस्त होने, अंग भंग और मृत्यु होने पर 5 हजार से लेकर 2 लाख तक की सहायता कृषि उपज मंडी समिति कीे ओर से प्रदान की जाती है। इस योजना के तहत प्रदेश के किसानों व खेतीहर मजदूर के लिए अलग-अलग प्रकार की दुर्घटना में राशि मिलती है। पूर्व में राशि कम होने के कारण किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। अब सहायता राशि में बढ़ोत्तरी होने के कारण किसानों को काफी राहत मिल सकेगी।
यह राशि की निर्धारित
- कोमा में जाने पर-200000
- रीढ़ की हड्डी टूटने-200000
- अंग-भंग होने पर 50000
- सिर में चोट पर-50000
- एक हाथ भंग होने पर- 25000
- चार अंगुली कटने पर-20000
राजीव गांधी कृषक साथी सहायता योजना का नाम बदल कर मुख्यमंत्री कृषक साथी सहायता योजना किया गया है। इसमें सहायता राशि भी बढ़ा दी गई है। इससे किसानों को लाभ होगा। महिपालसिंह सचिव, कृषि उपज मंडी भीलवाड़ा