निम्बाहेड़ा खनिज विभाग ने गत दिनों चिनाई पत्थर के 13 प्लॉट की नीलामी निकाली। कई खदान मालिकों व अन्य कंपनियों ने हिस्सा लिया। 18 दिसंबर को नीलामी के बाद एक बोलीदाता ने मौका रिपोर्ट ली तो पता चला कि वहां चुनाई पत्थर न होकर क्वार्टजाइट मिनरल है। बोलीदाता का कहना है कि विभागीय कर्मचारियों ने मिलीभगत कर खदान मालिकों को फायदा पहुंचाया। ये सभी 13 ब्लॉक निम्बाहेड़ा, निकुंभ और बड़ी सादड़ी में है।
20-25 करोड़ का राजस्व नुकसान खनिज विभाग के अधिकारियों का मानना है कि मेसेनरी स्टोन के नाम से नीलामी के लिए रखे ब्लॉक की कीमत 2.14 लाख से 3.77 लाख रखी गई। जबकि क्वार्टजाइट के नाम से नीलामी बोली होती तो इनकी कीमत 25 से 30 लाख रुपए रखनी पड़ती। ऐसे में विभाग को कम से कम 13 ब्लाकों में 20 से 25 करोड़ का राजस्व का नुकसान हुआ है। जबकि इन 13 ब्लॉक से केवल 11.58 करोड़ रुपए का ही राजस्व मिला है।
पहुंचाया परिचितों को लाभ खनिज विभाग ने ऑनलाइन नीलामी के लिए चुनाई पत्थर की निविदाएं जारी की थी। ऐसे में कुछ गिने चुने लोगों ने ही नीलामी में हिस्सा लिया। अगर विभाग क्वार्टजाइट के नाम से नीलामी निकालता तो बोली दाताओं की संख्या अधिक होती। इस तरह खास लोगों को ही सस्ते में ब्लॉक दे दिए गए।
यह काम आता है क्वार्टजाइट क्वार्टजाइट का इस्तेमाल सड़क निर्माण, रेलवे गिट्टी निर्माण, छत की टाइल्स, सीढ़ियां, फर्श बनाने में होता है। रसोई के काउंटरटॉप और सजावटी दीवारें बनाने के साथ सिलिका रेत, फेरोसिलिकॉन, सिलिकॉन कार्बाइड और सिलिकॉन बनाया जाता है। क्वार्टजाइट प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाली रूपांतरित चट्टान है, जो बलुआ पत्थर से बनी है।
शिकायत मिले तो जांच निम्बाहेड़ा में मेसेनरी स्टोन के 13 ब्लॉक की नीलामी को लेकर अभी तक कोई शिकायत नहीं आई है। अगर ऐसा होता है तो जांच की जाएगी। वैसे भी वरिष्ठ भू वैज्ञानिक की रिपोर्ट के आधार पर इनकी नीलामी की गई है।
ओपी काबरा, अधीक्षण अभियंता भीलवाड़ा ब्लाक बोली बोलीदाता