शहर में सड़क सुरक्षा को लेकर कई अभियान चलाए गए, लेकिन सभी खोखले साबित हुए। हर वर्ष यातायात सप्ताह के दौरान चालकों को सड़क पर चलने के नियमों के पाठ पढ़ाए जाते है, परन्तु पाठ पढ़ाने वाले यातायातकर्मी ही चौराहों पर नजर नहीं आते। इससे शहर की यातायात व्यवस्था चरमराई हुई है। चितौड़ रोड स्थित पुराना बस स्टैण्ड चौराहा के भी यही हाल है। हमीरगढ़ रोड, आजादनगर, गंगापुर रोड व रेलवे अंडरब्रिज से जुडे़ इस चौराहे पर रेलवे फाटक बंद होने की स्थिति में वाहनों का दबाव कहीं अधिक बढ़ जाता है।
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कई बार वाहनों की कतार चित्तौडग़ढ़ रोड तक आ जाती है। इससे जाम के हालात बने रहते हैं। हर तरफ से वाहनों के आवाजाही से अकसर यहां दुर्घटना होती रहती है। पुलिस के ही आंकड़े दर्शात है कि ये चौराहा किलर प्वाइंट बना हुआ है।
रेलवे अण्डर ब्रिज से निकलने या फिर साइड को लेकर आए दिन चालक आपस में उलझे रहते है, कई बार मारपीट तक की नौबत तक जाती है। ट्रांसपोर्ट मार्केट की ओर से आने वाले भारी वाहनों से आजाद नगर की ओर से आने वाले लोगों को दुर्घटना का अंदेशा बरकरार रहता है।
कई बार वाहनों की कतार चित्तौडग़ढ़ रोड तक आ जाती है। इससे जाम के हालात बने रहते हैं। हर तरफ से वाहनों के आवाजाही से अकसर यहां दुर्घटना होती रहती है। पुलिस के ही आंकड़े दर्शात है कि ये चौराहा किलर प्वाइंट बना हुआ है।
रेलवे अण्डर ब्रिज से निकलने या फिर साइड को लेकर आए दिन चालक आपस में उलझे रहते है, कई बार मारपीट तक की नौबत तक जाती है। ट्रांसपोर्ट मार्केट की ओर से आने वाले भारी वाहनों से आजाद नगर की ओर से आने वाले लोगों को दुर्घटना का अंदेशा बरकरार रहता है।
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बारिश में रूक जाती है राह बारिश के दिनों में अंडरब्रिज में पानी भर जाने से चौराहा पर जाम लग जाता है। पैदल जाने वाले यात्री और छोटे बच्चों को स्कूल जाते समय पटरी पार करके जाना पड़ता है, जिससे कई बार लोग काल के ग्रास हो चुके हैं। आजाद नगर की तरफ से आने वाले ऑटो, दुपहिया वाहनों और चौपहिया वाहनों की आवाजाही से कई बार दुर्घटना हो चुकी है लेकिन प्रशासन ने अब तक कोई सुध नहीं ली।
बारिश में रूक जाती है राह बारिश के दिनों में अंडरब्रिज में पानी भर जाने से चौराहा पर जाम लग जाता है। पैदल जाने वाले यात्री और छोटे बच्चों को स्कूल जाते समय पटरी पार करके जाना पड़ता है, जिससे कई बार लोग काल के ग्रास हो चुके हैं। आजाद नगर की तरफ से आने वाले ऑटो, दुपहिया वाहनों और चौपहिया वाहनों की आवाजाही से कई बार दुर्घटना हो चुकी है लेकिन प्रशासन ने अब तक कोई सुध नहीं ली।
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क्रेनों से सिकुड़ रही सड़क विकास न्यास ने यहां रोड चौड़ी कराई, लेकिन क्रेनों का जमावड़ा होने और निजी बसों का अघोषित स्टैंड बना होने से यहां के हालात और भी विकट है। चितौड़ मार्ग का टैक्सी स्टैण्ड भी समीप होने से वाहनों का जमावड़ा लगा रहता है। चौराहे पर स्थित पेट्रोल पंप पर भी चालकों मेंं सड़क पार करने का भय बना रहता है।
क्रेनों से सिकुड़ रही सड़क विकास न्यास ने यहां रोड चौड़ी कराई, लेकिन क्रेनों का जमावड़ा होने और निजी बसों का अघोषित स्टैंड बना होने से यहां के हालात और भी विकट है। चितौड़ मार्ग का टैक्सी स्टैण्ड भी समीप होने से वाहनों का जमावड़ा लगा रहता है। चौराहे पर स्थित पेट्रोल पंप पर भी चालकों मेंं सड़क पार करने का भय बना रहता है।
समीप है यातायात पुलिस शाखा इसी चौराहा के समीप यातायात पुलिस शाखा स्थापित होने के बावजूद यहां की यातायात व्यवस्था डांवाडोल है। यहां यातायात व्यवस्था को दुरूस्त करने के नाम पर पुलिस कर्मी चालान काटते समय ही नजर आते हैं। चालकों व क्षेत्र के लोगों का कहना है चौराहे पर यातायातकर्मी की तैनाती रहनी चाहिए और ट्रैफिक लाइटें भी यहां होनी चाहिए, ताकि यहां की यातायात व्यवस्था में सुधार हो सके और दुर्घटनाओं से बचा जा सके।