वाहनों का दबाव इस कदर कि टै्रफिक लाइट लगी होने और यातायात पुलिस कर्मियों की तैनाती के बावजूद शहर के मध्य स्थित रोडवेज बस स्टैंड चौराहे के हाल बुरे है। यहां अकसर जाम के हालात रहते है। सुबह नौ से दस बजे व शाम पांच से आठ बजे के बीच तो यहां वाहनों की कतारें चारों दिशा में लगी रहती है। अधिकांश चालकों के यहां नियमों की अनदेखी से कई बार सड़क लाल हो चुकी है और कई लोग जान से भी हाथ थो बैठे है। इस चौराहा को हरिसेवा सर्किल के नाम से भी जाना जाता है।
Campaign: रेलवे अंडरब्रिज के फेर में उलझ रहे चालक एंबुलेंस को भी करना पड़ता है इंतजार
इस चौराहा से प्राईवेट बस स्टेंड, रोडवेज बस स्टैंड, कृषि उपज मंडी, नेहरू रोड, हरिसेवा धाम रोड तथा टेक्सी स्टेंड के साथ-साथ करीब दो दर्जन छोटे-बड़े हॉस्पीटल, शादी समारोह स्थल, होटलें और कई सरकारी दफ्तर जुड़े हुए है। शहर से उदयपुर , कोटा , चित्तौड़, अजमेर व जयपुर की तरफ जाने वाली रोडवेज व प्राईवेट बसें भी इसी चौराहा से होकर गुजरती है। वहीं महात्मा गांधी जिला अस्पताल को जाने वाली जिले की अधिकतर एंबुलेंस भी इसी आपातकालीन रास्ते के चौराहा से होकर गुजरती है। कभी-कभी चौराहा पर यातायात व्यवस्था चरमरा जाने से कुछ देर के लिए एंबुलेंस तक का रास्ता अवरूद्ध हो जाता है।
इस चौराहा से प्राईवेट बस स्टेंड, रोडवेज बस स्टैंड, कृषि उपज मंडी, नेहरू रोड, हरिसेवा धाम रोड तथा टेक्सी स्टेंड के साथ-साथ करीब दो दर्जन छोटे-बड़े हॉस्पीटल, शादी समारोह स्थल, होटलें और कई सरकारी दफ्तर जुड़े हुए है। शहर से उदयपुर , कोटा , चित्तौड़, अजमेर व जयपुर की तरफ जाने वाली रोडवेज व प्राईवेट बसें भी इसी चौराहा से होकर गुजरती है। वहीं महात्मा गांधी जिला अस्पताल को जाने वाली जिले की अधिकतर एंबुलेंस भी इसी आपातकालीन रास्ते के चौराहा से होकर गुजरती है। कभी-कभी चौराहा पर यातायात व्यवस्था चरमरा जाने से कुछ देर के लिए एंबुलेंस तक का रास्ता अवरूद्ध हो जाता है।
Campaign: चालकों की मनमर्जी से घूम रहा चौराहा यातायात व्यवस्था को बड़े हादसे का इंतजार दिनोंदिन बढ़ते वाहनों के कारण शहर में यातायात व्यवस्था बाधित होना मामूली बात बन गया है। इस कारण आमजन को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कई बार वाहन चालकों व राहगीरों के बीच विवाद तथा छोटी-छोटी दुर्घटनाएं भी आम बात बन गई है। ट्रैफिक सिग्नल के नाम पर इस चौराहा पर शाम के समय कुछ घंटे ही लाल बत्ती चलाई जाती है जो न के बराबर है। यातायात पुलिस की ओर से वाहनों को रोकने की बेतरतीब व्यवस्था के कारण यहां पर दुपहिया व चौपहिया वाहनों में रोजाना हादसे होते रहते हैं। यहां गत चार वर्ष में नौ लोगों की जान जा चुकी है। जबकि घायल होना तो यहां आम बात है। अगर जल्द ही रोडवेज बस स्टेंड चौराहा का सिग्नल बदहाली से बहाल नहीं हुआ तो हर दिन इस गड़बड़ाई व्यवस्था के कारण कई समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है।
गोवंश का जमावड़ा
पुलिस प्रशासन के साथ-साथ नगर परिषद भी लापरवाही बरतने के मामले में पीछे नहीं है। आवरा पशु चौराहे पर दिन भर डेरा डाले रहते है। इनमें कई सड़क पर घूमते रहते है , इनके चपेट में आने से वाहन चालक घायल हो जाते है। वही यातायात व्यवस्था भी बाधित होती है।
8 से 10 स्कूल है मुख्य सड़क पर
रोडवेज बस स्टेंड चौराहा के आसपास करीबन 8 से 10 निजी स्कूलें संचालित है इन स्कूलों में पढऩे वाले अधिकतर बच्चे 3 से 10 वर्ष के है। इस मार्ग पर सुबह सात बजे से ही वाहनों की आवाजाही होने से हर समय इन स्कूलों के बाहर दुर्घटना का अंदेशा बना रहता है। इस समस्या को लेकर लोगों ने कई बार प्रशासन को अवगत भी कराया, मगर पुलिस प्रशासन ने इस ओर बिलकुल ध्यान नहीं दिया। वही बस स्टैंड चौराहा पर हाथ ठेलों का अतिक्रमण भी हादसों को न्योता दे रहा है।
रोडवेज बस स्टेंड चौराहा के आसपास करीबन 8 से 10 निजी स्कूलें संचालित है इन स्कूलों में पढऩे वाले अधिकतर बच्चे 3 से 10 वर्ष के है। इस मार्ग पर सुबह सात बजे से ही वाहनों की आवाजाही होने से हर समय इन स्कूलों के बाहर दुर्घटना का अंदेशा बना रहता है। इस समस्या को लेकर लोगों ने कई बार प्रशासन को अवगत भी कराया, मगर पुलिस प्रशासन ने इस ओर बिलकुल ध्यान नहीं दिया। वही बस स्टैंड चौराहा पर हाथ ठेलों का अतिक्रमण भी हादसों को न्योता दे रहा है।