टेक्सटाइल उद्यमियों का मानना है कि भीलवाड़ा से एक्सपोर्ट माल को रोकने के अभी कोई संदेश नहीं मिले हैं। यार्न व डेनिम के कंटेनर मूंदरा पोर्ट से भेजे जा रहे हैं। भुगतान मिलने में कुछ समय लग सकता है, लेकिन आने वाले समय में एक्सपोर्ट बढ़ सकता है। इसका मुख्य कारण यूरोपियन देशों में भारत से निर्यात बढ़ सकता है।
भारत से बढ़ेगा निर्यात बांग्लादेश का कपड़ा उद्योग दुनिया के सबसे बड़ा उद्योगों में से एक है। बांग्लादेश से यूरोप और अमरीका समेत कई देशों में कपड़ा निर्यात होता है। उद्यमियों का मानना है कि बांग्लादेश संकट के बीच वहां के कपड़ा उद्योग का 10 प्रतिशत ऑर्डर भारत को मिलता है तो इससे टेक्सटाइल सेक्टर को फायदा हो सकता है।
भीलवाड़ा से 3 हजार करोड़ का निर्यात भीलवाड़ा में उत्पादित 50 प्रतिशत यार्न तथा डेनिम बांग्लादेश निर्यात हो रहा है। इसका मूल्य तीन हजार करोड रुपए है। जयपुर, जोधपुर, उदयपुर तथा भीलवाड़ाचैम्बर ऑफ काॅमर्स से जारी सर्टिफिकेट ऑफ ओरीजिन (सीओ) के आंकड़ों के आधार पर अभी सीओ में कोई कमी नहीं आई है। सीओ शिपिंग दस्तावेज है जो माल या वस्तुओं को भेजने के लिए जारी किया जाता है।
बंदरगाह पर रखा माल भेजा मूंदरा पोर्ट पर पड़े कॉटन यार्न को बांग्लादेश रवाना किया है। माल पहुंचने में 25 से 30 दिन लगते हैं। बांग्लादेश से मिले ऑर्डर अभी होल्ड पर हैं। इस कारण उत्पादन रोक दिया है। कुछ दिन बाद टेक्सटाइल पर असर आ सकता है, लेकिन आने वाले समय में स्थिति बदल सकती है।
एसएन मोदानी, अध्यक्ष आरटीएमए यार्न व कपड़ा हो रहा निर्यात यार्न व कपड़ा निर्यात कर रहे हैं। अभी असर नजर नहीं आ रहा है, क्योंकि अब वहां स्थिति सामान्य होने लगी है। फिर भी टेक्सटाइल उद्यमी वेट एंड वॉच की स्थिति में है।
जेसी लढ्ढा, उद्यमी