पोर्टल से ही बना सकेंगे
ऑउट आफ स्कूल बच्चों का चिह्नीकरण तथा शैक्षिक यात्रा, उनके अंक पत्र आदि का विवरण संबंधित अपार आईडी में सुरक्षित हो जाएंगे। डिजिलॉकर की सहायता से सभी अकादमिक अभिलेख प्राप्त किए जा सकेंगे। इस व्यवस्था से ड्रॉप आउट दर कम किया जा सकेगा तथा ऐसे बच्चों को फिर से शिक्षा की मुख्य धारा में शामिल करने में सहायक सिद्ध होगा। कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों की अपार आईडी बनाई जाएगी। इसके लिए विद्यार्थियों के अभिभावकों से सहमति पत्र लिया जाएगा।कार्ड की मदद से मिलेगा ये लाभ
यह एक 12 अंकों का यूनिक नंबर होगा। यह वन नेशन, वन स्टूडेंट आईडी के तौर पर काम करेगा। यह एनईपी 2020 का अंग है। सहमति पत्र के बाद यू डायस पोर्टल पर अपार मॉड्यूल में छात्र को दिए गए फॉर्म को भरना होगा। अपार कार्ड के लिए विद्यार्थी के नाबालिग होने पर अभिभावक से सहमति पत्र लेना होगा। कार्ड की मदद से छात्रों की शैक्षिक प्रगति और उपलब्धि की ट्रैकिंग होगी। यह कार्ड बेसिक से लेकर माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए बनाया जाएगा। यह कार्ड यू-डाइस पोर्टल के माध्यम से बनाया जाएगा। इससे छात्रों की आजीवन सीखने की यात्रा की निगरानी की जा सकेगी। इससे शिक्षा रिकॉर्ड का एक डिजिटल भंडार भी बनेगा।