Antibiotic, BP, Sugar, fever related medicine, only 3 days left कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए जारी लॉकडाउन के बीच में दवाओं की कमी होने लगी है। बहुत जरूरी कही जाने वाली एंटीबायोटिक, बीपी, शुगर, बुखार, कॉलेस्ट्रोल, कफ सीरप और एंटी सेप्टिक दवाएं लगभग समाप्त होने के कगार पर अगले तीन दिन में दवा नहीं हो शहर में हालात औैर गंभीर हो सकते है। एक दो होलसेलर दवा कारोबारियों को छोड़ दें तो यह दवाएं नहीं है। ऐसा परिवहन सेवा बंद हो जाने के कारण हुआ है।
Antibiotic, BP, Sugar, fever related medicine, only 3 days left सूत्रों की मानें तो दवाओं का उत्पादन उसी स्तर पर हो रहा है जैसा लॉकडाउन से पहले हो रहा था, कच्चे माल की भी कहीं कोई कमी नहीं है। सप्लाई में आ रही बाधाएं दूर होते ही दवाओं का पर्याप्त भंडारण जिलेभर में हो जाएगा। महत्वपूर्ण दवा को लेकर जिला कलक्टर ने दवा विक्रेताओं से एक ग्रुप बनाकर वाहन लेजाकर दवा लाने के निर्देश दिए है। हालांकि सरकारी स्तर पर इन दवा का भंडार है, लेकिन किसी मरीज को बाजार में दवाएं उपलब्ध नहीं हो रही हैं। संजय कॉलोनी में रहने वाले एक मरीज को बाहर से दवा मंगवानी पड़ती है। इसके लिए जिला प्रशासन के सहयोग से जयपुर से दवा मंगवानी पड़ी है। दवा की कमी न हो इसके लिए जयपुर में एक नियंत्रण कक्ष बनाया गया है। जिसके प्रभारी राजकुमार छीपा को बनाया गया है।
रोजाना एक करोड़ की दवाओं की होती खपत
भीलवाड़ा ड्रग केमिस्ट एसोसिएशन के सचिव राकेश काबरा ने बताया कि शहर व जिले में ७५० दवा कारोबारी हैं। इसके अलावा १०० होलसेल विक्रेता दुकानें हैं। इस हिसाब से जिले में रोजाना होलसेल मार्केट का ही औसतन एक करोड़ रुपए की दवा का कारोबार है। लॉकडाउन के कारण दवाओं की लोडिंग का काम जयपुर में ही अटका हुआ है। दवा निर्माता कंपनियां पंजीकृत ट्रांसपोर्ट कंपनियों के माध्यम से ही दवाओं की आपूर्ति करती हैं। अब खुद दवा निर्माता कंपनियां ही हर जिले में कुछ माल भेज रहे है या फिर कुछ होलसेलर अपने स्तर पर दवा लेकर आ रहे है।
नहीं है दवा की कमी
लॉकडाउन के कारण बाजार में दवा आपूर्ति प्रभावित हुई है लेकिन यह एक-दो दिन में सुधर जाएगी। अगर किसी मरीज को दवा संबंधी परेशानी हो तो जिला अस्पताल से ले सकता है। सरकारी स्टॉक में सभी तरह की जेनेरिक दवाओं का पर्याप्त मात्रा में स्टॉक उपलब्ध है। इसलिए किसी को परेशान होने की आवश्यकता नहीं है। अगर किसी दवा की दुकान पर प्रिंट से भी अधिक राशि वसूल की जाती है तो इसकी सूचना विभाग को कर सकते है।
विष्णु कुमार शर्मा, औषधि नियंत्रक, भीलवाड़ा
Antibiotic, BP, Sugar, fever related medicine, only 3 days left सूत्रों की मानें तो दवाओं का उत्पादन उसी स्तर पर हो रहा है जैसा लॉकडाउन से पहले हो रहा था, कच्चे माल की भी कहीं कोई कमी नहीं है। सप्लाई में आ रही बाधाएं दूर होते ही दवाओं का पर्याप्त भंडारण जिलेभर में हो जाएगा। महत्वपूर्ण दवा को लेकर जिला कलक्टर ने दवा विक्रेताओं से एक ग्रुप बनाकर वाहन लेजाकर दवा लाने के निर्देश दिए है। हालांकि सरकारी स्तर पर इन दवा का भंडार है, लेकिन किसी मरीज को बाजार में दवाएं उपलब्ध नहीं हो रही हैं। संजय कॉलोनी में रहने वाले एक मरीज को बाहर से दवा मंगवानी पड़ती है। इसके लिए जिला प्रशासन के सहयोग से जयपुर से दवा मंगवानी पड़ी है। दवा की कमी न हो इसके लिए जयपुर में एक नियंत्रण कक्ष बनाया गया है। जिसके प्रभारी राजकुमार छीपा को बनाया गया है।
रोजाना एक करोड़ की दवाओं की होती खपत
भीलवाड़ा ड्रग केमिस्ट एसोसिएशन के सचिव राकेश काबरा ने बताया कि शहर व जिले में ७५० दवा कारोबारी हैं। इसके अलावा १०० होलसेल विक्रेता दुकानें हैं। इस हिसाब से जिले में रोजाना होलसेल मार्केट का ही औसतन एक करोड़ रुपए की दवा का कारोबार है। लॉकडाउन के कारण दवाओं की लोडिंग का काम जयपुर में ही अटका हुआ है। दवा निर्माता कंपनियां पंजीकृत ट्रांसपोर्ट कंपनियों के माध्यम से ही दवाओं की आपूर्ति करती हैं। अब खुद दवा निर्माता कंपनियां ही हर जिले में कुछ माल भेज रहे है या फिर कुछ होलसेलर अपने स्तर पर दवा लेकर आ रहे है।
नहीं है दवा की कमी
लॉकडाउन के कारण बाजार में दवा आपूर्ति प्रभावित हुई है लेकिन यह एक-दो दिन में सुधर जाएगी। अगर किसी मरीज को दवा संबंधी परेशानी हो तो जिला अस्पताल से ले सकता है। सरकारी स्टॉक में सभी तरह की जेनेरिक दवाओं का पर्याप्त मात्रा में स्टॉक उपलब्ध है। इसलिए किसी को परेशान होने की आवश्यकता नहीं है। अगर किसी दवा की दुकान पर प्रिंट से भी अधिक राशि वसूल की जाती है तो इसकी सूचना विभाग को कर सकते है।
विष्णु कुमार शर्मा, औषधि नियंत्रक, भीलवाड़ा