एसीबी अजमेर के एएसपी भागचंद मीणा ने बताया कि वर्ष-2011 से दिसंबर 2023 तक के जितने भी मुआवजा प्रकरण है, उनकी सूची मांगी है। गहनता से जांच तथा गड़बड़ी पाए जाने पर उस फाइल की अलग से जांच की जाएगी। रामप्रसाद लढा नगर मामले में लगातार शिकायतें मिल रही है। मामले की अपने स्तर पर जांच की जाएगी। गायब बताई जा रही सभी पत्रावलियां न्यास में मौजूद है। इनकी संख्या करीब 1100 बताई जा रही है। ये सभी पत्र एक-दूसरे विभाग को भेजने, विधानसभा के प्रश्नों के जवाब व अन्य मामलों से जुडे हैं। जांच के दौरान कुछ शिकायतें भी मिली है। उनकी भी जांच कर रहे हैं।
एसीबी ने वर्ष 2017 से दिसंबर 2023 तक न्यास में रहे सचिव, ओएसडी, अधीक्षण- अधिशासी-सहायक व कनिष्ठ अभियन्ता, तहसीलदार, विधि परामर्श, पटवारी, उप नगर नियोजक, वरिष्ठ प्रारुपकार की सूची के साथ बाबू कब किस शाखा में रहे, उनकी सूची ली है। दस्तावेज के आधार पर जांच कर रिपोर्ट मुख्यालय भेजेगी। जिन कर्मचारियों के नाम सामने आ रहे थे, वे न्यास से नदारद थे तथा मोबाइल बंद कर दिए थे। कई कर्मचारी ऐसे हैं, जिनके पास जिस जोन का काम था, वह उसके विपरीत दूसरे जोन से जुड़ी फाइलों पर भी हस्ताक्षर कर रखे हैं। इसका फायदा दलालों ने खूब उठाया।