भीलवाड़ा में लगेगा 8 करोड़ का पहला बायो सीएनजी प्लांट
भीलवाड़ा। अब तक गायों का उपयोग दूध के अलावा गोबर से प्लांट में गैस बनाकर घरेलू उपयोग किया जाता रहा है लेकिन भीलवाड़ा जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लि. ने आठ करोड़ की लागत से बायो सीएनजी प्लांट लगाया जाएगा। प्लांट मांडल रोड पर लगेगा। यह निर्णय शुक्रवार को भीलवाड़ा डेयरी संचालक मंडल की बैठक में किया गया। डेयरी चेयरमैन रामलाल जाट की अध्यक्षता में बैठक में आरसीडीएफ जयपुर के प्रतिनिधि व डीपीएम महाप्रबन्धक एलसी बलाई, सीईओ रामचन्द्र बैरवा, उपरजिस्ट्रार अरविन्द ओझा व प्रबन्ध संचालक विपिन शर्मा एवं संचालक मंडल सदस्य उपस्थित थे। अध्यक्ष जाट ने बताया कि जिले में जितनी भी समिति है उनसे गोबर खरीदा जाएगा। प्लांट में गोबर गैस बनाई जाएगी। इसका उपयोग वाहनों में किया जाएगा। पशुपालकों से गायों का दूध एकत्र करने में जुटी डेयरी अब गायों का गोबर संग्रहित कर सीएनजी बनाएगी। इस तरह का प्रदेश का पहला बायो सीएनजी प्लांट होगा। 10 बीघा जमीन का प्रस्ताव जिला कलक्टर को भेजा है। जमीन आवंटन के साथ इस योजना पर काम शुरू हो जाएगा। रोजाना 50 टन गोबर की आवश्यकता सीएनजी प्लांट के लिए प्रतिदिन 50 हजार किलो (50 टन) गोबर की आवश्यकता होगी। इससे प्रतिदिन दो हजार अधिक घनमीटर कच्ची बायोगैस का उत्पादन होगा। इससे प्रतिदिन 800-900 घनमीटर शुद्ध बायोगैस बनेगी। पशुपालकों को प्रति किलो 75 पैसा से एक रुपए का भुगतान पशुपालकों से प्रतिदिन गोबर खरीदा जाएगा। प्रतिकिलो 75 पैसे से एक रुपए दिया जाएगा। गोबर एकत्र करने के लिए विशेष वाहन बनाएंगे। बड़ला सोसायटी पर मैन्योर मैनेजमेन्ट प्रोजेक्ट लगाया जाएगा। यह एक बीघा पर लगेगा। बायो सीएनजी प्लांट में बचने वाले गोबर को खाद बनाकर पुशपालकों को दिया जाएगा। यह खाद डीएपी के रूप में काम आएगा। इससे पशुपालकों को भी फायदा होगा। 14 हजार का मिलेगा अनुदान पशुपालकों को चारा कुट्टी मशीन पर अनुदान राशि में 3858 रुपए से बढाकर 14 हजार रुपए प्रति मशीन अनुदान दिया जाएगा। पशुपालकों को डेयरी व्यवसाय लाभकारी बनाने के लिए ऐम्ब्रियो ट्रान्सफर टेक्नोलोजी से उन्नत नस्ल के बछड़ा-बछड़ी उत्पादन के लिए 15 हजार रुपए प्रति गर्भाधान अनुदान, हिन्दुस्तान जिंक के सहयोग से पशु नस्ल सुधार कार्यक्रम के तहत सैक्स सोरटेड सीमन प्रति डोज 500 रुपए का अनुदान दिया जाएगा। 50 हजार की मदद प्रबन्ध संचालक विपिन शर्मा ने बताया कि दुग्ध समितियों पर कार्यरत सचिवों, बूथ एजेन्ट्स, डीलर की मृत्यु होने पर वारिसों को दुग्ध संघ से 50 हजार रुपए की अनुग्रह राशि देने का निर्णय लिया। लम्बे समय से बंद 68 दुग्ध समितियों की अवसायन व परिसमापन की कार्रवाई का फैसला लिया। दुग्ध संघ की हिस्सा पूंजी राशि 50 करोड़ से बढ़ाकर 100 करोड़ रुपए की। सरकारी योजनाओं में स्वीकृत अनुदान की जानकारी लेकर सभी दुग्ध समितियों पर सोलर सिस्टम लगाए जाएंगे। दुग्ध समितियों पर विभिन्न योजनाओं के तहत दी गई मशीनों के वार्षिक रख रखाव, रिपेयर व मेंटीनेन्स एवं कंजूमेबल आदि पर होने वाले व्यय में 50 प्रतिशत राशि का अंशदान संघ कोष वहन करेगा।