Agriculture Department कृषि उपनिदेशक रामपाल खटीक ने बताया कि बीज को फकीरा विधि के माध्यम से उपचारित करने के बाद बेहतर उत्पादन के साथ ही कीड़ों से फसल को बचाया जा सकता है। चने की बुवाई के समय जड़ गलन व उखरा रोग की रोकथाम के लिए कार्वेन्डाजिम की 0.75 ग्राम, थइराम एक ग्राम मात्रा प्रति किलो से बीज उपचारित करें। दीमक के प्रकोप बचाने के लिए क्लोरोपाइरिफॉस 20 ईसी की 8 मिली मात्रा प्रतिकिलो बीज में मिलाकर उपचार करें।
भूमि उपचार
भूमि उपचार
क्यूनोल फॉस 1.5 प्रतिशत चूर्ण 25 किलो प्रति हैक्टेयर बुवाई के पूर्व भूमि में मिलाएं। दलहनी फसलों में राईजोवियम कल्चर तथा गैरदलहनी फसलों सरसों व गेहूं में एजेरोटेक्टर के तीन पैकेट प्रति हैक्टेयर बीज उपचार के लिए कार्य में लें। किसान कृषि पर्यवेक्षक से भी जानकारी ले सकते हैं।
५८०० खेतों में फसल कटाई का प्रयोग
उपनिदेशक ने बताया कि जिले में ५८०० खेतों में फसल कटाई का प्रयोग चल रहा है। इससे सही उत्पादन की जानकारी मिल सकेगी। इसके लिए मोबाइल एप से मौके पर जाकर फसल कटाई करवाई जा रही है। अब तक ४४०० के करीब फसलों का आकलन किया जा चुका है। एप के माध्यम से पटवारी को खेत पर जाकर ही डाटा फीड करना होगा।
उपनिदेशक ने बताया कि जिले में ५८०० खेतों में फसल कटाई का प्रयोग चल रहा है। इससे सही उत्पादन की जानकारी मिल सकेगी। इसके लिए मोबाइल एप से मौके पर जाकर फसल कटाई करवाई जा रही है। अब तक ४४०० के करीब फसलों का आकलन किया जा चुका है। एप के माध्यम से पटवारी को खेत पर जाकर ही डाटा फीड करना होगा।