बड़ी मात्रा में सामान की ऑनलाइन ऑर्डर कर आरोपियों द्वारा एक ही रात में सारे सामान की फर्जी तरीके से कैश ऑन डिलीवरी करा लेते थे। सामान आने पर दूसरों को कम रेट पर बेच देते थे। पैसे कंपनी को देने की जगह खुद रख लेते थे। इस दौरान इन्होंने 45 लाख की ठगी कर ली। इस मामले में युवती समेत पांच आरोपियों को पुलिस ने पकड़ा है।
45 लाख रुपए का सामान गबन एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव ने बताया कि फ्लिपकार्ट कंपनी के वेंडर पवन यादव ने धमधा थाने में सूचना दी थी। मुख्य आरोपी अमर मंडल को फ्लिपकार्ट हब ब्रांच संभालने के लिए दिया था। अमर अपने परिचतों के मोबाइल से ऑनलाइन मोबाइल, लैपटॉप, कैमरा, घड़ी और जूते की बुकिंग करने लगा। वेयर हाउस के जरिए फ्लिपकार्ट के सामान को आरोपी मोनिका मौर्य के घर रखवाते थे।
इसके बाद आरोपी दीपक, मनीश कुमार दास, विकास साहू और अंकित परगनिहा के साथ मिलकर उसे सस्ते दाम पर दूसरों को बेच देते थे। उसकी राशि को दबा लेते थे। सामान का जो रकम मिलती थी, उसे वेयर हाउस सर्विस प्रोवाइडर को नहीं देते थे। इस तरह 45 लाख रुपए का सामान बुलाकर पूरी राशि को गबन कर लिया।
अमर और अंकित आठ साल से कर रहे थे फर्जीवाड़ा इस घटना को अंजाम देने सभी गाड़ियां बदल-बदलकर एक जगह से दूसरे जगह जाते थे। आरोपियों में अमर मंडल एवं नेहरू नगर निवासी अंकित लगभग आठ वर्षों से ऑनलाइन से प्राप्त मोबाइल का फर्जी तरीके लेनदेन करने का गोरखधंधा चल रहा था।
पुलिस ने निकाला कॉल डिटेल निकाला एसपी ने बताया कि धमधा अनुविभागीय अधिकारी प्रभात कुमार (आईपीएस) द्वारा सभी तकनीकी पहलुओं को ध्यान में रखकर दुर्ग एसीसीयू, जामुल, छावनी थाना की टीम तैयार की गई। आरोपीयों के मोबाइल नंबरों का कॉल डिटेल रिकॉर्ड, टॉवर डम्प, ऑनलाईन आर्डर किए सामानों की हिस्ट्रीलिस्ट खंगाली।
आरोपियों द्वारा उपयोग किए गाड़ियों के मालिकों से संपर्क किया। गाड़ियों में लगे जीपीएस का अध्ययन कर आरोपियों तक अपनी पहुंच बनाई। अलग-अलग स्थानों में दबिश दी। जीपीएस के माध्यम से अवलोकन किया तो एक गाड़ी नांदघाट से आगे दौडेंगा गांव में रूकी थी।
फूफा के घर पर सामान रखकर भाग गए आरोपी मुखबिरों से पता चला कि दौड़ेगा लोकेश का फूफा का गांव है। वहां टीम ने जाकर पता किया। आरोपी ने अपने फूफा को बताया कि उसका दोस्त मोबाइल शॉप खोलने वाला है। यह उसी का सामान है। किराया की दुकान ढूंढने के बाद सामान को ले जाएगा।
फ्लिपकार्ट की रैपर लगी बोरियों को जला दिया तिल्दा में आरोपी लोकेश ऑनलाइन आर्डर से आए मोबाइल दूसरे को बेच पैसा रख लिया। आरोपी अरविंद ने फ्लिपकार्ट की सफेद बोरियों को जला दिया। कंपनी के रैपर आदि को जलाकर नष्ट कर दिया। वहां से नई कार किराए पर लेकर दो बैग में ठगी के मोबाइल लेकर आरंग की तरफ गया।
सभी का हिस्सा निर्धारित था टीआई सोमेश बघेल ने बताया कि महिला आरोपी को बेलगांव में छोड़कर बाकी आरोपी दुर्ग आ गए। कवर्धा में मिशो के वेंडर दीपक साहू और उसके साथी मनीष दास, अमर और अरविंद से अलग हो गए। दुर्ग में सामानों को विभिन्न दुकानों में खपा दिया। सभी का हिस्सा निर्धारित था।
फर्जी सामग्री को रखने के लिए युवती को किया शामिल एसपी ने बताया कि आरोपी अमर मंडल, अरविन्द वर्मा, दीपक साहू, मनीष दास अपने अन्य परिचितों के माध्यम से विभिन्न मोबाइल नंबरों का उपयोग करते थे। विभिन्न पते पर ऑनलाइन सामान एक ही स्थान धमधा हब में ही आर्डर किया गया था। सभी सामान आने पर दीपक साहू के कार में लोड कर राजनांदगांव चले गए। वहां अरविन्द के पूर्व परिचित युवती मोनिका मौर्य से एक मकान लिया। बेलगांव में एक कमरा उन आरोपियों को मोनिका ने उपलब्ध कराया। मोनिका को भी अपने साथ हिस्सेदारी में रख लिए। उसे फर्जीवाड़ा करने का पूरा तरीका समझाया। तीन आरोपी अभी भी फरार हैं।