मामला 3 अगस्त 2007 की यह मामला 3 अगस्त 2007 की है। एमबीएल कंपनी दुर्गापुर (पश्चिम बंगाल) के डायरेक्टर पवन लाखोटिया अपने मित्र हर्ष मंत्री के साथ सांसद से मुलाकात करने उनके बंगले पहुंचा था। सांसद निवास के ड्राइंग हाल में लाखोटिया ने चर्चा की। इसके बाद साथ लाए पांच लाख रुपए और मिठाई का डिब्बा सांसद को देते हुए सामने रखा। लाखोटिया आगे कुछ कह पाता कि एसीबी के अधिकारियों ने उसे गिरफ्तार कर लिया। सांसद ने पहले ही इसकी सूचना एसीबी की दे दी थी। एसीबी के अधिकारी वहां सामान्य पोशाक (बिना वर्दी) में तैनात थे।
पश्चिम बंगाल की एमबीएल इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनी दुर्गापुर पश्चिम बंगाल की कंपनी एमबीएल इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनी ने बीएसपी से स्क्रेप उठाने टेंडर लिया था। यह कंपनी भिलाई इस्पात सयंत्र से स्क्रेप के साथ प्योर लोहा भी पार कर रही थी। बीएसपी को लाखों को नुकसान हो रहा था। इस कार्य में कंपनी ने सीआईएसएफ के कुछ अधिकारियों को अपने साथ मिला लिया था। यही कारण था कि स्क्रेप की आड़ में वे खुलेआम लोहा निकाल रहे थे।
सीधे प्रधानमंत्री को शिकायत तत्कालीन सांसद ताराचंद साहू ने इसकी जानकारी मिलने पर सीधे प्रधानमंत्री को शिकायत की। तब वे कोयला एवं इस्पात मंत्रालय के परामर्शदात्री समिति के सदस्य थे। पवन लाखोटिया ने सांसद को शिकायत वापस लेने के लिए रिश्वत देने की पेशकश की। डिप्टी कमांडेट अभय गुप्ता ने मध्यस्थता की। बातचीत के बाद लाखोटिया रिश्वत देने पहुंच गए। इधर तत्कालीन सासंद ने इसकी सूचना एसीबी को दे दी थी। इस तरह लाखोटिया पांच लाख रुपए के साथ धरा गया।