बदले में दिया जाएगा सांभर
मैत्रीबाग प्रबंधन बंगाल टाईगर के बदले में कानन पेंडारी जू को सांभर देने की बात कह रहा है। मैत्रीबाग में सांभर की तादात अधिक होते जा रही है। इस वजह से एक्सचेंज में उसे देने में दिक्कत नहीं होगी। दो दर्जन से अधिक सांभर इस वक्त जू में मौजूद है। पहले भी सांभर को बदले में दूसरे जू को दिया जाता रहा है।
पर्यटकों को मिलेगा कुछ नया देखने
मैत्रीबाग प्रबंधन लंबे समय से एक्सचेंज में नए वन्य प्राणी को लेकर नहीं आया है। वाइट टाईगर की मादा देकर दूसरे मादा को लेकर आए थे। अब बंगाल टाईगर आने से खाली केज में कुछ नया नजर आएगा।
रॉयल बंगाल के जोड़े को लाए थे भुवनेश्वर से
मैत्रीबाग में रॉयल बंगाल टाईगर सबसे पहले भुवनेश्वर से एक जोड़ा लाए थे। इसका नाम शंकर व पार्वती (पारो) था। मैत्रीबाघ में उनकी ही संतान लंबे वक्त तक रही। वह धीरे-धीरे कम होती गई। इनकी संख्या पहले बढ़कर करीब आधा दर्जन हो गई थी, उम्र होने के बाद एक-एक कर इनकी मौत होती गई। 30 दिसंबर 2014 को दुर्गा की मौत हो गई थी। 2 जुलाई 2015 को सांप के डसने से नर्मदा चल बसी। वह गणेश की संतान थे। 21 अगस्त 2019 को सतपुड़ा (15 साल) की भी कैंसर से मौत हो गई।
कुनबा बढ़ाने की किए प्रयास
मैत्रीबाग में प्रबंधन रॉयल बंगाल टाईगर के कुनबा को बढ़ाने प्रयास किया। रॉयल बंगाल टाईगर के जोड़े नंदी और वसुंधरा दोनों को नस्ल बचाने के लिए एक साथ रखा गया। बीडींग सफल नहीं रही। पहले 15 जनवरी 2021 को वसुंधरा ने दम तोड़ा। इसके बाद नंदी की मौत हो गई। इस तरह से वह नस्ल ही खत्म हो गई। https://www.patrika.com/exclusive/watch-video-bsp-supervisor-woke-up-after-1-death-18707464