भिलाई

International Students Day: 19 देशों के छात्र भिलाई से कर रहे इंजीनियरिंग और फॉर्मेसी की पढ़ाई

International Students Day: भिलाई जिले में कभी फ्रांस के उपनिवेश या फिर आजाद रहे अफ्रीका के छोटे-छोटे देशों से युवा इंजीनियरिंग सीखने भारत आ रहे हैं।

भिलाईNov 17, 2024 / 09:39 am

Shradha Jaiswal

International Students Day: मोहम्मद जावेद। छत्तीसग्रह के भिलाई जिले में कभी फ्रांस के उपनिवेश या फिर आजाद रहे अफ्रीका के छोटे-छोटे देशों से युवा इंजीनियरिंग सीखने भारत आ रहे हैं। घाना, सुडान, केनिया, अजरबैजान और नेपाल जैसे विभिन्न देशों के सौ से अधिक देशों के छात्र भिलाई में रहकर तालीम हासिल कर रहे हैं।
International Students Day: मध्य अफ्रीकी देश कैमेरून से आई एंजेले नीना डेजे का ख्वाब भारत में ही रह कर जॉब करना है तो कोई अपने देश लौटना चाहता है। पूर्वी अफ्रीकी देश मालावी से भिलाई पहुंचे स्टैनली सालिमू काशोटी यहां कंप्यूटर साइंस में बीटेक की पढ़ाई कर रहे हैं।
उनके परिवार का अपने देश में बिजनेस है, इसलिए वे कोर्स पूरा करने के बाद अपने देश वापस लौट जाएंगे। दक्षिण सूडान के छात्र इमोनूअल एंथोनी जोकिनो सोमी फार्मेसी की पढ़ाई कर रहे हैं और वे चाहते हैं कि उन्हें कैम्पस सलेक्शन में इंडिया में ही अच्छी सैलेरी पर बेहतर जॉब मिल जाए तो यहीं रुक जाएंगे।

International Students Day: सीमाओं पर चलता है युद्ध

International Students Day: एमबीए कर रहे गिनी देश के जेरेमिया क्यिक अकोल कहते हैं कि मैं अपनी पढ़ाई पूरी कर अपने देश जाऊंगा और लोगों को बताऊंगा कि भिलाई में क्या सीखा। बीटेक मेकेनिकल कर रहे सूडान के अलाफी इमैनुअल मार्क लोमेंग का कहना है कि यहां सभी युवा एक साथ रह कर पढ़ाई कर रहे हैं, जिनके देशों की सीमाएं एक-दूसरे से लगी हुई है और वहां हमेशा युद्ध के हालात रहते हैं।
International Students Day: ऐसे ही देश है सूडान और जुनूब सूडान। 2011 में अस्तित्व में आया जुनूब सूडान दुनिया का सबसे नया देश है। यहां के निवासी सर्बे सेबित याबा बताते हैं कि सूडान में कई साल चले गृहयुद्ध के बाद जनमत संग्रह हुआ और जुनूब सूडान एक अलग देश बना। आज भी वहां सूडान और जुनूब सूडान के लोगों में आपस में बनती नहीं है, लेकिन यहां भिलाई में कॉलेज में मेरे कई साथी सूडान से हैं और हम यहां आपस में मिलजुल कर रहते हैं।

कॉलेज ने की विशेष व्यवस्था, टूटी-फूटी हिंदी भी बोल रहे

अरबी और फ्रेंच बोलने में माहिर इन अफ्रीकी स्टूडेंट का समूह जब यहां पढ़ाई के लिए आया था तो इनमें से कोई भी अंग्रेजी नहीं बोल पाता था। ऐसे में यहां कॉलेज में इनके लिए अलग से अंग्रेजी सिखाने ऐसी ट्यूटर की व्यवस्था की गई जो फ्रेंच से अंग्रेजी सिखा सके। छह माह की कोचिंग के बाद ये स्टूडेंट अच्छी अंग्रेजी बोल लेते हैं और टूटी-फूटी हिंदी भी बोल और समझ लेते हैं। छात्रों का कहना है कि कई सारे शब्द उनके देशों की भाषा के साथ मिलते-जुलते होते हैं। हमने इन पर ध्यान देना शुरू कर दिया, जिससे चीजे आसान हो गईं।
भिलाई पसंद आया पर मौसम परेशां करने वाला भिलाई के माहौल पर बात निकली तो सभी ने एक सुर में कहा कि यहां सबकुछ शानदार है। लोग मिलनसार हैं। हालांकि शहर का मौसम परेशान करने वाला है। इनका कहना है कि भिलाई का अधिकतम तापमान 45-46 डिग्री तक पहुंच जाता है, जबकि उनके देशों में तापमान 40 से ऊपर नहीं पहुंचता। छात्रों को टाउनशिप की हरियाली भी भाती है।

लगातार बढ़ रही छात्रों की संख्या

रूंगटा आर-1 ग्रुप ऑफ कॉलेज के डायरेक्टर (एफएंडए) सोनल रूंगटा बताते हैं कि उनके यहां विदेशी स्टूडेंट की संख्या अगले सत्र से और बढऩे वाली है। इस बार अफ्रीकी देशों के अलावा भी 8 नए देशों के छात्र भिलाई में पढऩे आएंगे।
शाहरूख और सलमान हैं फेवरेटअफ्रीकी छात्रों ने बताया कि भारत से लगाव की एक खास वजह हिंदी फिल्में भी हैं, जो ये अरबी सबटाइटल के साथ देखते हैं। इनके फेवरेट शाहरूख खान और सलमान खान हैं। फिल्मों का जिक्र निकला तो ‘बाहुबली’ के बारे में सभी ने अनभिज्ञता जताई वहीं कुछ विदेशी छात्रों ने टूटी-फूटी हिंदी में बॉलीवुड के गाने व फिल्मी डायलॉग सुनाकर खुशी का इजहार किया।

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