वो इतना घबरा गया कि उसने खुद को बंद कर लिया
मेरा 16 वर्षीय बेटा रायपुर के हॉस्टल में रहकर आईआईटी की तैयारी के लिए कोचिंग कर रहा है। उसके मोबाइल पर अज्ञात व्यक्ति का कॉल आया। उसने कहा कि कस्टम अधिकारी बोल रहा हूं। तुम्हारा एक पार्सल आया है, जिसमें बहुत इललीगल कंटेंट है। यह किसी आतंकवादी संगठन से जुड़ा है। फिर किसी दूसरे फर्जी व्यक्ति से मुंबई क्राइम सेल का अधिकारी बनकर बात शुरू की। उसने धमकाना शुरू कर दिया। कमरे में बंद रहना और इस बीच किसी से बात नहीं करना है। इसके बाद तरह-तरह के फोटो भेजना लगा। यह भी कहा कि तुम्हारे कई तरह के आतंकवादी संगठन से संबंध हैं। इसके बाद मेरा बेटा घबरा गया और उसने खुद को कमरे में बंद कर लिया।
गनिमत रही कि इस बीच मां का आया फोन
मां ने बताया कि जिस समय उसे डिजिटली अरेस्ट किया गया था, उसी समय मैंने उसको कॉल किया। उसने घबराते हुए बात की। कहने लगा कि मां मैं डिजिटली अरेस्ट हो गया हूं। मुझे कॉल नहीं करना। फिर मैंने उसे कहा कि बेटा तुम तो कोचिंग के हॉस्टल में हो। इस पर बेटे ने बताया कि मां उसने हॉस्टल के कमरे में ही अरेस्ट किया है।
वॉर्डन ने दरवाजा तोड़कर निकाला बाहर
स्टूडे्टस की मां ने बताया कि मैंने तत्काल दुर्ग सीसीटीएनएस के प्रभारी डॉ. संकल्प राय से संपर्क किया। उन्हें घटना की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि डिजिटली अरेस्ट करने का कोई प्रावधान नहीं है। तत्काल हॉस्टल के वॉर्डन से संपर्क कर कमरे से उसे बाहर निकालें। मैंने तुरंत हॉस्टल के वॉर्डन से संपर्क किया। उन्हें घटना की जानकारी दी। वॉर्डन पहुंचे और दरवाजा खुलवाने की कोशिश की, लेकिन बच्चे ने दरवाजा नहीं खोला। फिर दरवाजा तोड़कर उसे बाहर निकाला गया।
बच्चे को भिलाई में लाकर थाने में घुमाया, तब हुआ नार्मल
बच्चे की मां ने बताया कि उसे लेकर सीधे भिलाई पहुंची। बेटा बहुत घबराया हुआ था। इसलिए उसे असली पुलिस से मिलवाना था। सीसीटीएनएस प्रभारी के पास लेकर गई। उन्होंने उससे बातचीत की। भिलाई नगर, कंट्रोल रूम में घुमाया। पुलिस के साथ उसकी बातचीत कराई। इसके बाद बच्चा नॉर्मल हुआ।