scriptबेटी दिल में है तो विल में भी हो, नहीं तो प्यार करने का ढोंग बंद हो… कवयित्री जान्हवी पांडेय | stop pretending to love your daughter. says Poet Janhvi Pandey | Patrika News
भिलाई

बेटी दिल में है तो विल में भी हो, नहीं तो प्यार करने का ढोंग बंद हो… कवयित्री जान्हवी पांडेय

जब हम माता-पिता बने तो कभी यह फर्क नहीं करें कि बेटे को थोड़ा ज्यादा पढ़ाएंगे, बेटी को कम पढ़ाएंगे…

भिलाईSep 09, 2023 / 01:23 pm

चंदू निर्मलकर

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भिलाई. हमें लैंगिक भेदभाव और पुरुषवादी रुढ़ि मानसिकता है, उन्हें खत्म करना है। कई रचनाएं कालजयी हैं। लेकिन कई चीजें ऐसी भी होती हैं जिनमें बहुत त्रुटिया रहती हैं। जो मेरे संस्कारों में, मेरे परिवेश में, मेरे परिवार में जो सर्वश्रेष्ठ होगा, उसे अपने पास रख लूंगी अपनी औलाद को देने के लिए और जो भी त्रुटिपूर्वक लगेगा, उसे धीरे-धीरे हटाते जाऊंगी। आई गिफ्ट यू ए रेनबो से चेष्टा ये है कि लैंगिक समानता की बात करेंगे। जहां पर बच्चियों को समान अवसर मिले। कोई आदमी दहेज प्रताड़ना से जलकर नहीं मरता। जब हम माता-पिता बने तो कभी यह फर्क नहीं करें कि बेटे को थोड़ा ज्यादा पढ़ाएंगे, बेटी को कम पढ़ाएंगे। पैसे दहेज में दे देंगे। क्योंकि अगर बेटी अगर दिल में है तो विल में भी होनी चाहिए। अगर विल में नहीं है तो बेटी से प्यार करने का ढोंग बंद कर देना चाहिए।
असल आशीर्वाद वही है जो अपने बेटी को शिक्षा का अवसर दे पाए। कवयित्री जान्हवी पांडेय के विचार दर्शाते हैं कि समाज को लेकर वे किस कदर चिंतित हैं। अंग्रेजी में उनका यह पहला कविता संग्रह आई गिफ्ट यू ए रेनबो पूरी तरह से समाज को राह दिखाने वाला है। कवयित्री जान्हवी पांडे दुर्ग एसपी शलभ सिन्हा की पत्नी हैं। जितना अच्छा अंग्रेजी में लिखती हैं उतना ही हिन्दी और छत्तीसगढ़ में भी। पहले संग्रह का अनुभव और लेखन को लेकर जान्हवी पांडेय से हुई बातचीत के प्रमुख अंश…
बातचीत के प्रमुख अंश…

संग्रह में यू शब्द किसके लिए है?
जवाब – हर पाठक के लिए यह किताब है। इस संग्रह की प्रेरणा मेरी बेटी है। बिटिया ने दुनिया में आते ही हमारी दुनिया बदल दी। उसके लिए ही कुछ कविताएं लिखी थी। फिर लगा, ये इतनी प्यारी कविताएं हैं तो सभी तक पहुंचनी चाहिए। इसलिए प्रिंट करवाने का निर्णय लिया।
बेटी के लिए समर्पित काव्य संग्रह में किस तरह की कविताएं हैं?
जवाब – बेटी का जीवन में आना हम पर उपकार करना है। एक अभिभावक के रूप में हमारी नैतिक जिम्मेदारी है कि जो हम अपने को समझते हैं, उससे बेहतर तोहफा दुनिया में छोड़कर जाएं। अधिकतर कविताएं समाज को समर्पित जो लैंगिक समानता की बात करता है। रुढ़िवादी सोच जो आगे बढ़ने से रोकती है, उसका खंडन करेंगे।

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