भिलाई स्टील प्लांट के ब्लास्ट फर्नेस 4, 5, 6, 7, 8 हैं। यहां लोको चालक व शंटिंग स्टाफ लोको इंजन से हॉट मेटल समेत अन्य सामग्री इधर से उधर करते हैं। इन कर्मियों से 3 अलग-अलग शिफ्ट में कार्य लिया जाता है। इसके अलावा टीएण्डडी कंट्रोल, स्टील स्टेशन, पीपीयार्ड, ओपन अर्थ स्टेशन में भी वे काम कर रहे हैं। बीएसपी के ब्लास्ट फर्नेस 1 से 7 वाले राह में जो लोको दौड़ रही है, उसमें पायलट के तौर पर बीएसपी के नियमित कर्मचारी मौजूद होते हैं। वहीं यहां शंटिंग स्टाफ ठेका एजेंसी से दिया जाता है।
सेफ्टी के नाम पर किया जा रहा प्रताड़ित
आयोग और
गृहमंत्री को लिखे पत्र में बताया गया है कि भिलाई स्टील प्लांट में सेफ्टी विभाग के नाम पर कुछ कर्मचारी दिन और रात में किसी भी वक्त आते हैं। लोको में चालक और मौके पर शंटिंग स्टाफ नजर नहीं आता है, तब वे फोटो लेकर तुरंत अधिकारी को भेज देता है। इस तरह से माह में कम से कम 20 शिकायत की जाती है। इसके बाद अधिकारी बुलाकर काम से हटाने, वेतन काटने की बात कहकर फटकार लगाते हैं।
अनुच्छेद 21 का खुला उल्लंघन
अनुच्छेद 21 प्रत्येक व्यक्ति को जीवन व व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार प्रदान करता है। इसमें सम्मानजनक जीवन और स्वास्थ्य का अधिकार भी शामिल है। ठेका श्रमिकों को शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है, जो इस मौलिक अधिकार का उल्लंघन है। धारा 63लगातार 5 घंटे से अधिक काम करने की अनुमति नहीं होनी चाहिए, लेकिन यह नियमों के विपरीत है।
एक चालक से करवाया जा रहा काम
यूनिवर्सल डिक्लेरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स, अनुच्छेद 23 यह अनुच्छेद श्रमिकों को सुरक्षित और उचित कार्य परिस्थितियां प्रदान करने का अधिकार देता है। ठेका श्रमिकों को 8 घंटे तक बिना किसी ब्रेक या उचित सुरक्षा उपायों के काम कराया जा रहा है। जो यूडीएचआर के इस अनुच्छेद का उल्लंघन है।