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एसएसपी रामगोपाल गर्ग के निर्देश पर जिले के थाना और चौकी प्रभारियों ने अपने क्षेत्रों में डीजे संचालकों की बैठक ली। जिसमें सर्वोच्च न्यायालय, उच्च न्यायालय, ध्वनि प्रदूषण विनियमन एवं नियंत्रण कानून व एनजीटी के दिशा निर्देशों का पालन करने की कड़ी हिदायत दी गई। रात 10 से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर, डीजे और ध्वनि प्रदूषण फैलाने वाले यंत्र पूरी तरह से बंद किए जाएंगे।
उन्हें बताया गया 25 से अधिक नॉइस मीटर मशीन थानों में उपलब्ध कराई जा रही है। इसमें ध्वनि विस्तारक यंत्रों की आन स्पॉट जांच की जाएगी। 60 डिसेबल से अधिक ध्वनि पाई गई तो प्रदूषण के नियमन एवं नियंत्रण कानून 2000 के तहत कार्रवाई होगी। इसके अलावा एनजीटी के द्वारा जारी किए गए निर्देशों का पालन करने के संबंध में आवश्यक जानकारी दी गई।
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वाहन से डीजे का हिस्सा बाहर निकला दिखा तो वाहन समेत होगी जब्ती की कार्रवाई सामाजिक और सार्वजनिक कार्यक्रम में डीजे या धुमाल बजाने के लिए सर्वप्रथम संबंधित प्रभारी अधिकारी से अनुमति लेना पड़ेगा। मालवाहक वाहनों में डीजे धुमाल को वाहन के बॉडी से बाहर निकले मिले तो वाहन समेत डीजे को जब्त किया जाएगा। डीजे धुमाल लगे वाहनों में चमकीली लाइटें, जिससे आंखें को प्रभावित हो ऐसा लाइट भी नहीं लगाए जाएंगे। साइलेंट जोन में डीजे धुमाल बजाना पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगा। स्कूल, अस्पताल, कोर्ट परिसर, वृद्ध आश्रम आदि हिस्सों को इस जोन में रखा गया है।