साइंस कॉलेज में पहले से विधि विषय के दो सहायक प्राध्यापकों की पोस्ट स्वीकृत है। करीब सात साल पहले उच्च शिक्षा विभाग से दो लॉ प्रोफेसरों की नियुक्ति साइंस कॉलेज में दी गई थी, मगर कॉलेज में विषय नहीं होने की वजह से इनको विभाग में अटैच कर दिया गया था। अब यही प्रोफेसर साइंस कॉलेज वापस लौट कर आएंगे और बीए के विद्यार्थियों को एक विषय विधि पढ़ाएंगे।
सभी ग्यारह कॉलेजों में शुरू होने वाले विधि विषय का सिलेबस केंद्रीय अध्यन मंडल ने तैयार कराया है। विद्यार्थियों को विधि में लीगल प्रोसीजर, कानून की धाराएं, न्यायालय के तौर-तरीकों को समझने का मौका मिलेगा। सामान्य विषय की तरह इसमें भी परीक्षा देनी होगी। अध्यन मंडल ने कोर्स को अप्रूव कर दिया है। जल्द ही इसको लेकर बैठक होने वाली है। दुर्ग साइंस कॉलेज प्राचार्य डॉ. आरएन सिंह, प्राचार्य ने बताया कि उच्च शिक्षा विभाग ने साइंस कॉलेज को बीए के वैकल्पिक विषय में विधि पढ़ाने की मंजूरी दे दी है। इस साल से विषय के चयन में विद्यार्थियों को इसे चुनने का मौका मिलेगा। कॉलेज में पहले से ही दो असिस्टेंट प्रोफेसर के पद स्वीकृत हैं। कॉलेज हेमचंद विवि से संबद्धता के लिए प्रक्रिया पूरी कर लेगा।कॉलेज की बीओएस में विवि से मनोनित एक सदस्य रहेगा।
दुर्ग साइंस कॉलेज आटोनोमस संस्थान है, जिसकी अपनी खुद की बोर्ड ऑफ स्टडी है, जहां से कोर्स के लिए चेयरमैन, सदस्यों को मनोनीत किया जाएगा। वहीं यह कोर्स बालोद के घनश्याम सिंह गुप्त महाविद्यालय में भी शुरू हो रहा है। इसलिए यहां कोर्स का संचालन कराने हेमचंद यादव विश्वविद्यालय को बीओएस का विस्तार करना होगा। विवि में पहले से ही लॉ की बीओएस मौजूद है, जिसे इस विषय की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी जा सकती है।
– शासकीय राजीव गांधी महाविद्यालय, अंबिकापुर
– शासकीय एनईएस महाविद्यालय, जशपुर नगर
– दुर्ग साइंस कॉलेज
– शासकीय टीसीएल महाविद्यालय, जांजगीर
– शासकीय पीडी पीजी महाविद्यालय, रायगढ़
– छत्तीसगढ़ महाविद्यालय, रायपुर
– पीजी दाऊ कल्याण सिंह महाविद्यालय, बालोदाबाजार
– बाबू छोटे लाल महाविद्यालय, धमतरी
– घनश्याम सिंह गुप्त महाविद्यालय, बालोद
– शासकीय काकतीय महाविद्यालय, जगदलपुर
– भानुप्रताप देव महाविद्यालय, कांकेर