इस पर एस कुमार, दीपक चौधरी, मनिंदर सिंह व डी शंकर राव चारों लिफ्ट से सातवें फ्लोर ब्वायलर 1 तक पहुंचे। करीब 2 मिनट बाद ही चारों मजदूरों को अजीब सी गैस की गंध आ रही थी। आंख में जलन व सांस लेने में परेशानी होने लगी। चक्कर आने से दीपक चौधरी वहीं गिर गया। इसके बाद अन्य तीनों का सिर भी चकराने लगा। उल्टी जैसे लगने लगा, तो सभी तुरंत दीपक चौधरी को साथ में लेकर, वहां से लिफ्ट तक आए। चलने में भी पैर काम नहीं कर रहा था। तब सभी तुरंत लिफ्ट से नीचे उतरते ही चारों गिर गए।
गए हॉस्पिटल
बेहोशी आने लगी सभी को, तब लिफ्ट से निकलकर एनएसपीसीएल के गेट के पास हॉस्पीटल में गए। यहां स्वास्थ्य कर्मी ने सभी को तत्काल एंबुलेंस से मेन मेडीकल पोस्ट भेज दिए। जहां चेक करने के बाद चारों को इलाज के लिए सेक्टर 9 बीएसपी हॉस्पिटल एंबुलेंस से ले गए।
इनको भेजा आईसीयू में
यहां पर दीपक चौधरी, मनिंदर सिंह व डी शंकर राव को आईसीयू में भर्ती किए। वहीं एस कुमार को ए-1 वार्ड में दाखिल किए। ऑक्सीजन व बाटल चढा कर इलाज किए। 27 जनवरी को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी दी गई।
केमिकल से करवाया था वाश
एस कुमार ने पुलिस में शिकायत किया है कि घटना के बारे जब प्लांट में कार्य करने वाल अन्य लोगों से जानकारी लिया, तो पता चला कि 25 जनवरी को पीपी 2 ब्वायलर 1 में मेंनटनेंस कार्य के दौरान ब्वायलर को केमिकल से वाश किया गया था। इससे जहरीली अमोनिया गैस उत्पन्न हुई थी।
बिना सुरक्षा उपकरणों के भेजा जोखिम भरा काम करने
चारों श्रमिकों को एनएसपीसीएल प्लांट के बिंदल ब्रदर्स ठेका कंपनी व एनएसपीसीएल प्रबंधन व वहां काम कराने वाले जिम्मेदार व्यक्तियों ने लापरवाही व सुरक्षा मानकों की अनदेखी कर जहरीली अमोनिया गैस से भरे स्थान पर बीना कोई सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराए बिना काम करने भेज दिया गया। इससे चारों के जीवन को संकट उतपन्न होने से स्वास्थ्य खराब हो गया।