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CG Education: बीआईटी और शंकराचार्य इंजीनियरिंग कॉलेज का ऑटोनोमस खत्म, सीएसवीटीयू लेगा परीक्षा की जिम्मेदारी विवि तारीख पर तारीख बढ़ाकर इन कोर्स में एडमिशन हासिल करने जद्दोजहद कर रहा है, लेकिन प्रवेश नहीं मिले। लिहाजा, यही कारण है कि अब विवि ऐसे कोर्स को बदलेगा, जिनमें एडमिशन शून्य रहे। इनकी जगह ऐसे कोर्स लेंगे, जिनसे छात्र फटाफट नौकरियां हासिल कर पाएंगे। सीएसवीटीयू कोर्स को अपडेट कर पुराने कोर्स के साथ बदलने का निर्णय लेगा।
कम से कम चाहिए 10 का बैच
कोर्स की कक्षाओं के लिए बैच में कम से कम 10 छात्रों का होना जरूरी है। इस संया से कम विद्यार्थी होने पर संस्था कोर्स का संचालन नहीं कर पाएगी। यही वजह है कि विवि ने आवेदन तिथि में फिर से बदलाव किया।
टैली और आटोकैड में ही मिले एडमिशन
सीएसवीटीयू ने एक बार फिर एडमिशन की तारीख को आगे बढ़ाया है। इच्छुक
विद्यार्थियों ने आटोकैड और टेली कोर्स के लिए आवेदन किए, जबकि अन्य 7 कोर्स को नकार दिया। दरअसल, विवि ने यह कोर्स वर्तमान समय में इंडस्ट्री की जरूरत को ध्यान में रखकर नहीं बनाया, इन्हें इंजीनियरिंग के साथ जोड़ दिया। इस तरह इनमें विद्यार्थियों ने कुछ खास रुचि नहीं दिखाई।
कौन ले सकता है प्रवेश, और कैसे
तकनीकी विद्यार्थियों के लिए सबसे बड़ी बात यह है कि इस केंद्र में उन्हें वह सब कुछ सीखने का मौका मिलेगा जो कोर्स में नहीं पढ़ाया गया, लेकिन वर्तमान में इंडस्ट्री की डिमांड है। इससे विद्यार्थियों की क्षमता बढ़ाई जा सकेगी। केंद्र में विवि लेटेस्ट सॉटवेयर की पढ़ाई कराएगा। इन कोर्स के लिए डिग्री, डिप्लोमा, आईटीआई, हाई और हायर सेकंडरी स्कूल उत्तीर्ण होना जरूरी है।
इसमें भी हो गए विफल
तकनीकी विश्वविद्यालय सीएसवीटीयू बस्तर संभाग में अनौपाचारिक शिक्षा केंद्र की शुरुआत करने की तैयारी में था। शुरुआत 1600 विद्यार्थियों के साथ करने का लक्ष्य रखा गया था। इसके लिए एक शासकीय उपक्रम से करीब 48 लाख रुपए की राशि सीएसआर मद से जुटाई थी, लेकिन सेंटर की परियोजना आगे नहीं बढ़ पाई। सीएसवीटीयू डॉ. अंकित अरोराकुलसचिवअनौपचारिक शिक्षा केंद्र में संचालित कोर्स में कुछ की डिमांड है, जबकि कुछ में प्रवेश नहीं होते। विवि इनमें परिवर्तन के लिए बैठक कराएगा। सभी की सहमति से बदलाव किए जा सकेंगे।