भिलाई

थम गया चुनावी शोर: 1320 नुक्कड़ साभाओं में कांग्रेस ने गिनाई उपलब्धियां, 750 छोटी और 8 बड़ी जनसभा में भाजपा ने सरकार पर किया प्रहार

नगरीय निकाय चुनाव प्रचार के इन दस दिनों में दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों कांग्रेस और भाजपा के साथ ही पार्टी की खिलाफत कर चुनाव मैदान में कूदे बागियों व निर्दलीय प्रत्याशियों ने भी अपना पूरा दम दिखाया है।

भिलाईDec 19, 2021 / 08:38 am

Dakshi Sahu

थम गया चुनावी शोर: 1320 नुक्कड़ साभाओं में कांग्रेस ने गिनाई उपलब्धियां, 750 छोटी और 8 बड़ी जनसभा में भाजपा ने सरकार पर किया प्रहार

भिलाई. नगरीय निकाय चुनाव प्रचार के इन दस दिनों में दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों कांग्रेस और भाजपा के साथ ही पार्टी की खिलाफत कर चुनाव मैदान में कूदे बागियों व निर्दलीय प्रत्याशियों ने भी अपना पूरा दम दिखाया है। जहां तक कांग्रेस की बात है मुख्यमंत्री से लेकर आधा कैबिनेट गृहमंत्री, वन मंत्री, कृषि मंत्री, पीएचई मंत्री, महिला एवं बाल विकास मंत्री, जिले के दोनों राज्यमंत्री सहित एक दर्जन से भी अधिक विधायक और निगम व मंडलों के प्रमुखों ने यहां चुनाव प्रचार किया। दूसरी तरफ भाजपा में भी पूर्व मुख्यमंत्री सहित, तीन सांसद, पूर्व मंत्री और विधायकों ने चुनाव की जिम्मेदारी संभाले रखी। पार्टी संगठन की ओर से जारी अधिकृत बयानों और स्वयं प्रत्याशियों व उनके समर्थकों द्वारा सोशल मीडिया पर किए गए पोस्ट के मुताबिक भिलाई और रिसाली नगर निगम क्षेत्र में कांग्रेस की लगभग 1320 नुक्कड़ साभाएं हुई है। इसमें आयातित नेताओं से लेकर स्थानीय वरिष्ठ कार्यकर्ताओं ने जनता के समक्ष अपनी बातें रखी। वहीं भाजपा में लगभग 750 छोटी व आठ बड़ी जनसभा हुई।
कांग्रेस-
सीएम ने किया पूरे शहर में रोड शो आधा कैबिनेट दस दिन डटा रहा
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्वयं चुनाव प्रचार के आखिरी दिन पूरे भिलाई नगर निगम क्षेत्र में रोड शो किया। गहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने तो रिसाली नगर निगम क्षेत्र की गली-गली और चप्पा-चप्पा छान मारा। जिले के प्रभारी व कैबिनेट मंत्री मोहम्मद अकबर यहां आए दिन डटे रहे। लगातार बैठकें ली। वार्डों में भी रैली में शामिल हुए। गुपचुप संपर्कों और बैठकों के जरिए वोटर्स को साधने वाले कृषि मंत्री रविंद्र चौबे भी आखिरी दिन सुपेला क्षेत्र की गलियों में घूमते और नुक्कड़ सभाओं को संबोधित करते दिखे। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहन मरकाम और भिलाई नगर निगम के चुनाव प्रभारी व राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन सर्वाधिक सभाओं को संबोधित किए।
रोज घूमते रहे गली-गली, हर चौराहे पर ली सभा
पीएचई मंत्री गुरु रुद्र कुमार, महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेडिय़ा, राज्य अंत्यावसायी सहकारी वित्त एवं विकास निगम की उपाध्यक्ष (राज्यमंत्री) नीता लोधी, दुर्ग विधायक स्टेट वेयर हाउस के चेयरमैन (राज्यमंत्री) अरुण वोरा, डोंगरगढ़ के विधायक भुनेश्वर बघेल, रायपुर दक्षिण के विधायक कुलदीप जुनेजा, विधायक देवेंद्र यादव, विधायक लक्ष्मी धु्रव, बालोद की विधायक संगीता सिन्हा, भिलाई शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष मुकेश चंद्राकर पूर्व मंत्री बीडी कुरैशी, पूर्व विधायक भजन सिंह निरंकारी रोज पसीना बहाते रहे।
रणनीति
1. डोर-टू-डोर प्रचार और व्यक्तिगत मेल मुलाकात पर ज्यादा फोकस
2. बड़ी जनसभा के बजाए वार्ड के चौक चौराहों पर नुक्कड़ सभाएं।
3. प्रदेश की कांग्रेस सरकार की उपलब्धियां गिनाई।
4. सभी कद्दावर नेताओं को झोंका। तालमेल बनाकर जिम्मेदारियां भी बांटी।
5. चुनाव को लेकर शुरुआत से ही माइक्रो मैनेजमेंट।
भाजपा-
पूर्व सीएम, मंत्री और विधायक ने आक्रामक तेवर से बनाया माहौल
पूर्व मुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने भिलाई, रिसाली, चरोदा व जामुल चारों निकायों में बड़ी आमसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर काफी तीखे हमले किए। छत्तीसगढ़ सह संगठन प्रभारी एवं बिहार सरकार के कैबिनेट मंत्री नितिन नवीन भी काफी आक्रामक रहे। राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय ने खुर्सीपार में जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस को घेरा। पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रेमप्रकाश पांडेय, सांसद विजय बघेल और वैशाली नगर विधायक विद्यारतन भसीन शुरू से ही यहां कमान अपने हाथों में संभाले रखा। तीनों लगाताार कांग्रेस को विभिन्न मुद्दों पर घेरते रहे।
कुशल रणनीति के साथ कार्यकर्ताओं में भरी ऊर्जा
नगर निगम चुनाव संचालन प्रभारी राजनांदगांव सांसद संतोष पांडेय और भाजपा प्रदेश महामंत्री एवं नगर निगम चुनाव संचालक भूपेंद्र सवन्नी कुशल रणनीति बनाते हुए प्रत्याशियों और कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाते रहे। प्रदेश संगठन महामंत्री पवन साय, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय, भिलाई जिला संगठन प्रभारी पूर्व विधायक संतोष बाफना, आईटी सेल प्रदेश प्रभारी दीपक महस्के, पूर्व विधायक अवधेश चंदेल, लखन लाल साहू, जिलाध्यक्ष वीरेंद्र साहू सहित संगठन के सभी पदाधिकारियों ने अपनी ऊर्जा लगाई है।
रणनीति
1. डोर-टू-डोर प्रचार, अधिकाधिक जनसंपर्क और सामाजिक व सांगठनिक बैठकों पर खास ध्यान।
2. चौक चौराहों पर नुक्कड़ सभा के बजाए बड़ी जनसभा पर ज्यादा फोकस।
3. प्रदेश की कांग्रेस सरकार की कथित नाकामियां गिनाते हुए तीखे हमले।
4. गुटीय राजनीति को भूलकर सामंजस्य के साथ चुनाव प्रचार पहली बार दिखा।
5. कैडर बेस्ड पार्टी में व्यवस्थित चुनाव संचालन।

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