एसपी जितेन्द्र शुक्ला ने बताया कि 4 अप्रैल को चोरी की कार से आरोपी अनूप सिंह, अनित सिंह और राकेश कुशवाहा भोपाल से निकले। 5 अप्रैल शाम करीब 6 बजे रायपुर पहुंचे। इसके बाद रायपुर (Raipur) के प्रोफेसर कॉलोनी में शाम करीब 7 से 8 के बीच चोरी किए। वहां से कुम्हारी पहुंचे। गाड़ी की नंबर प्लेट को एचआर से सीजी-04 में बदला। सुबह भिलाई दुर्ग पहुंच गए। प्रियदर्शनी परिसर में कार से डिलिवरी ब्वॉय की पोषाक में डॉक्टर के घर पहुंचे। उन्हें मकान में ताला मिला। एक बड़ा हैंड कटर निकाला। बाउंड्रीगेट के ताला को तोड़ा। अंदर घुसकर लाखों की चोरी की। डॉक्टर समेत दो अन्य घरों में चोरी किया। पद्मनाभपुर थाना क्षेत्र में चोरों का पीछा कर पकड़ा गया। आरोपियों (Accused) के कब्जे से 10 लाख रुपए की मशरुका बरामद की। उनके पास वॉकी-टॉकी, चोरी करने का यंत्र और नकद जब्त किया गया।
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एएसपी सदानंद राठौर ने बताया कि इस गिरोह का हर सदस्य वॉकी-टॉकी रखता है। चोरी के दौरान एक व्यक्ति को वॉकी-टॉकी के साथ गेट पर बैठा देते हैं। घर के आस पास कोई आता नजर आया तो वॉकी -टाकी से संपर्क कर उन्हें पोजिशन बता देता है। एसीसीयू एएसपी ऋचा मिश्रा ने बताया कि चोरी की सूचना मिलते ही। तत्काल शहर में नाकेबंदी की गई। घटना स्थल के आस पास लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगाला गया। एक कार संदिग्ध मिला। उसका नम्बर ट्रेस हुए। इसके बाद शहर के चारों तरफ नाकेबंदी की गई। संदेही नंबर को पद्मनाभपुर क्षेत्र में ट्रेस किया गया। इसके बाद एसीसीयू की टीम इकट्ठा हुई। संदेही कार के सामने जवानों ने बाइक अड़ा दी।
एसपी जितेन्द्र शुक्ला ने कहा कि रात में 2 बजे दुर्ग को इन्होंने पार किया। शातिर आरोपी हैं। ताला लगा मकान दिखा और हाथ साफ कर भाग जाते है। सभी प्रकार की शिकायत पर प्रकरण दर्ज करने कहा है। इसलिए चोरी की संख्या ज्यादा दिख रही।
पुलिस ने बताया कि एक आरोपी जेल से पिछले दिनों छूटा है। इनके खिलाफ मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान में करीब 35 प्रकरण दर्ज है। इनका एक गिरोह है। भोपाल में रहने वाले दानिश चोरों के लिए चोरी की कार उपलब्ध कराता है। उसी कार से छत्तीसगढ़ पहुंचे थे। आरोपी बड़े मकान और पॉश इलाका को चिन्हित करते है। जहां घर सूना मिला, बिना देरी किए औजार निकाल कर सेंधमारी घटना को अंजाम देते है।
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