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CG Election: महापौर का पद ओबीसी महिला आरक्षित, कई दावेदारों के टूटे सपने

CG Election: महापौर का पद चौथी बार किसी महिला के हाथ में जाना तय हो गया है। इससे पहले अविभाजित मध्यप्रदेश में वर्ष 1999 में महापौर का सीट सामान्य महिला वर्ग के लिए आरक्षित हुआ।

भिलाईJan 08, 2025 / 02:05 pm

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CG Election

CG Election: महापौर को लेकर हुए आरक्षण में नगर निगम, भिलाई के खाते में इस बार ओबीसी नेताओं को मौका मिला है। ओबीसी आरक्षण की सूचना मिलते ही इससे जुड़े भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के नेताओं की बांछें खिल गई है। भिलाई और भिलाई-चरोदा में निगम चुनाव 2027 में होना है। इसके बाद भी आरक्षण होते ही नामों को लेकर चर्चा तेज हो गई है।
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महापौर का पद चौथी बार किसी महिला के हाथ में जाना तय हो गया है। इससे पहले अविभाजित मध्यप्रदेश में वर्ष 1999 में महापौर का सीट सामान्य महिला वर्ग के लिए आरक्षित हुआ। तब सरोज पांडेय ने जीत दर्ज कर पहली महिला महापौर होने का गौरव हासिल किया था। राज्य विभाजन के बाद छत्तीसगढ़ में वर्ष 2004 में सीट अनारक्षित रहा। इसमें भी जीत दर्जकर सरोज पांडेय लगातार दूसरी बार महापौर बनी। तीसरी बार 2014 में महापौर का पद अनारक्षित श्रेणी की महिला के लिए आरक्षित हुआ। इसमें ओबीसी वर्ग से आने वाली चंद्रिका चंद्राकर ने जीत दर्ज की।
नगर निगम दुर्ग का कमान चौथी बार किसी महिला के हाथ होगा। मंगलवार को नगरीय निकायों के आरक्षण में यह स्पष्ट हो गया। आरक्षण में नगर निगम का महापौर पद अन्य पिछड़ा वर्ग की महिला के लिए आरक्षित हुआ। नगर निगम के 40 साल के इतिहास में पहली बार महापौर का पद अन्य पिछड़ा वर्ग की महिला के लिए आरक्षित हुआ है। आरक्षण की स्थिति स्पष्ट होने के साथ ही चुनाव में उतरने के सपने संजोए अन्य वर्गों कई लोगों को तगड़ा झटका लगा है।
खासकर दावेदारों की लंबी सूची वाले सामान्य वर्ग और पुरूष वर्ग के नेताओं को। वहीं दूसरी ओर दोनों की राजनीतिक दलों के महिला कार्यकर्ताओं में आरक्षण के बाद उत्साह है। प्रारंभिक तौर पर दोनों दलों में दावेदारों के नाम की चर्चा भी शुरू हो गई है।
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तीसरी बार ओबीसी के खाते में सीट

आरक्षण की व्यवस्था लागू होने के बाद यह तीसरा अवसर है जबकि सीट ओबीसी के खाते में गया है। इससे पहले वर्ष 1994 में दुर्ग नगर निगम के महापौर का सीट ओबीसी के लिए आरक्षित हुआ। तब आरएन वर्मा कांग्रेस से महापौर निर्वाचित हुए थे। उनका यह निर्वाचन अप्रत्यक्ष निर्वाचन प्रणाली के माध्यम से पार्षदों द्वारा किया गया था। इसके बाद वर्ष 2009 के आरक्षण में दुर्ग महापौर पद ओबीसी के खाते में गया। तब भाजपा के डॉ. शिवकुमार तमेर ने जीत दर्ज की थी।

अब तक महापौर

सुच्चा सिंह ढिल्लो

आलम दास गायकवाड़

गोविंद धींगरा

शंकर लाल ताम्रकार

शंकर लाल ताम्रकार

आरएन वर्मा

सरोज पांडेय

सरोज पांडेय

शिवकुमार तमेर

चंद्रिका चंद्राकर
धीरज बाकलीवाल

भिलाई-चरोदा निगम

भाजपा से महापौर के दावेदारों में पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष शशिकांत बघेल, पूर्व मंडल अध्यक्ष दिलीप पटेल, पूर्व नपा उपाध्यक्ष राधेश्याम वर्मा, भाजपा युवा मोर्चा प्रदेश महामंत्री उपकार चंद्राकर, भाजपा के पूर्व जिला महामंत्री प्रेमलाल साहू कतार में है।
कांग्रेस से ब्लाक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष मनोज मंडरिया, निगम के सभापति कृष्णा चंद्राकर, चैतन्य बघेल, सुजीत बघेल के नामों को लेकर चर्चा है। प्रदेश में सरकार भाजपा की है, ऐसे में मजबूत प्रत्याशी के नाम को तरजीह मिलेगी।

भिलाई निगम

भाजपा से विधायक रिकेश सेन महापौर का चुनाव लड़ सकते हैं। विद्यारतन भसीन भी महापौर और विधायक दोनों पदों पर रहे थे। जिला भाजपा अध्यक्ष पुरुषोत्तम देवांगन, पूर्व जिलाध्यक्ष महेश वर्मा भी कतार में हैं। इनके अलावा नेता प्रतिपक्ष भोजराज सिन्हा, पूर्व महापौर निर्मला यादव, तुलसी साहू, पूर्व क्रेडा सदस्य विजय साहू भी कतार में शामिल बताए जा रहा हैं। कांग्रेस से महापौर नीरज पाल, निगम सभापति बंटी साहू, पूर्व महापौर नीता लोधी, एमआईसी सदस्य लालचंद वर्मा, जोहन सिन्हा के नामों को लेकर चर्चा है।

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