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आयकर टीम साजा स्थित 1 ठिकाने में जांच पूरी करने के बाद दस्तावेजों को जब्त करने में जुटी हुई। इसके पूरा होने पर देर रात तक टीम वापस लौटेगी। तलाशी के दौरान बरामद चल-अचल संपत्तियों का मूल्यांकन कर टैक्स चोरी का हिसाब किया जा रहा है। बताया जाता है कि कांट्रेक्टर के दफ्तर में करोड़ों रुपए के टेंडर के दस्तावेज मिले हैं। इसमें अधिकांश सड़क और पुल निर्माण के बताए जाते है। बता दें कि आयकर विभाग की टीम ने 30 मार्च को भाजपा नेता एवं सिविल कांट्रेक्टर के दुर्ग और साजा स्थित 4 ठिकानों में दबिश दी थी।
कांट्रेक्टर द्वारा अधिकांश लेन-देन कच्चे में करने के इनपुट मिले हैं। हेराफेरी करने के लिए आय से अधिक खर्च दिखाकर फर्म को नुकसान में चलना बताया गया है। जबकि करोड़ों रुपए में सड़क, पुल और पुलिया का टेंडर लिया गया था। इसके पूरा होने के बाद फर्म को संबंधित विभाग द्वारा भुगतान किया गया। लेकिन, फर्म द्वारा दस्तावेजों में हेरीफेरी कर कम टैक्स जमा कराया जा रहा था। इसकी जानकारी मिलने के बाद फर्म के आईटी रिटर्न की जांच कर छापा मारा गया है।
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कांट्रेक्टर के दफ्तर और घर से बरामद कम्प्यूटर, लैपटाॅप का बैकअप लिया जा रहा है। वहीं निविदा प्रपत्र और पैन ड्राइव को जांच के लिए जब्त किया जा रहा है। बताया जाता है कि इसमें पिछले 7 साल के कामकाज का लेखा-जोखा मिला है। इसका हिसाब करने के बाद फर्म की कुल आय-व्यय का हिसाब कर टैक्स का निर्धा्रण किया जाएगा।