यह हुई जब्ती
66 नगर सीरिज पटाखा जिसमें 6 सौ, 1 हजार, 2 हजार, 3 हजार और 5 हजार की लडिय़ां, 5 डिब्बे टाइगर बम यहां पर हुई कार्रवाई
गुप्ता पटाखा दुकान स्मृितनगर, हुकुमचंद हिम्मतचंद पटाखा दुकान लिंक रोड़, केजीएन पटाखा दुकान जनता मार्केट कैंप-2, गोयल पटाखा, सुर्कलर मार्केट, बोलबम पटाखा दुकान पावर हाउस, श्रीराम पटाखा दुकान जनता मार्केट।
66 नगर सीरिज पटाखा जिसमें 6 सौ, 1 हजार, 2 हजार, 3 हजार और 5 हजार की लडिय़ां, 5 डिब्बे टाइगर बम यहां पर हुई कार्रवाई
गुप्ता पटाखा दुकान स्मृितनगर, हुकुमचंद हिम्मतचंद पटाखा दुकान लिंक रोड़, केजीएन पटाखा दुकान जनता मार्केट कैंप-2, गोयल पटाखा, सुर्कलर मार्केट, बोलबम पटाखा दुकान पावर हाउस, श्रीराम पटाखा दुकान जनता मार्केट।
तीन पैरामीटर पर लेंगे 84 सैंपल
दीपावली के 7 दिन पहले और 7 दिन बाद पीएम 2.5 और पीएम 10 के स्तर को जानने पर्यावरण संरक्षण बोर्ड तीन पैरामीटर पर कुल 84 सैंपल लेगा। ताकि पता चल सके कि दीपावली के बाद शहर में प्रदूषण का स्तर क्या रहा। क्षेत्रीय अधिकारी मालू ने बताया कि टेस्टिंग 14 नवंबर तक चलेगा।
दीपावली के 7 दिन पहले और 7 दिन बाद पीएम 2.5 और पीएम 10 के स्तर को जानने पर्यावरण संरक्षण बोर्ड तीन पैरामीटर पर कुल 84 सैंपल लेगा। ताकि पता चल सके कि दीपावली के बाद शहर में प्रदूषण का स्तर क्या रहा। क्षेत्रीय अधिकारी मालू ने बताया कि टेस्टिंग 14 नवंबर तक चलेगा।
पीएम २.५ से बच्चों व बुजुर्गों को नुकसान
पीएम 2.5 बच्चों और बुजुर्गों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाता है। इससे आंख, गले और फेफड़े की तकलीफ बढ़ती है। खांसी और सांस लेने में भी तकलीफ होती है। लगातार संपर्क में रहने पर फेफड़ों का कैंसर भी हो सकता है।
पीएम 2.5 बच्चों और बुजुर्गों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाता है। इससे आंख, गले और फेफड़े की तकलीफ बढ़ती है। खांसी और सांस लेने में भी तकलीफ होती है। लगातार संपर्क में रहने पर फेफड़ों का कैंसर भी हो सकता है।
पटाखा दुकानों में हड़कंप
छापामार कार्रवाई से व्यापारियों को प्रतिबंधित पटाखे छुपाने का मौका ही नहीं मिल पाया। एक के बाद एक लगाकरा कई दुकानों से प्रतिबंधित पटाखे जब्त किए। इस टीम में पर्यावरण संरक्षण बोर्ड से एसके दीवान, नवीन चंद्र मालवीय, जीपी पटेल, नगर निगम से हरचरण सिंह अरोरा, एएसआई करण सोनकर शामिल थे।
छापामार कार्रवाई से व्यापारियों को प्रतिबंधित पटाखे छुपाने का मौका ही नहीं मिल पाया। एक के बाद एक लगाकरा कई दुकानों से प्रतिबंधित पटाखे जब्त किए। इस टीम में पर्यावरण संरक्षण बोर्ड से एसके दीवान, नवीन चंद्र मालवीय, जीपी पटेल, नगर निगम से हरचरण सिंह अरोरा, एएसआई करण सोनकर शामिल थे।
जानिए क्या है पीएम 2.5 और 10
पीएम 10 को रेस्पायरेबल पर्टिकुलेट मैटर कहते हैं। इन कणों का साइज 10 माइक्रोमीटर होता है। इससे छोटे कणों का व्यास 2.5 माइक्रोमीटर या कम होता है। इसमें धूल, गर्द और धातु के सूक्ष्म कण शामिल होते हैं। पीएम 10 और 2.5 धूल, कंस्ट्रक्शन और कूड़ा व पटाखे आदि जलाने से ज्यादा बढ़ता है। पीएम 2.5 हवा में घुलने वाला छोटा पदार्थ है। पीएम 2.5 का स्तर ज्यादा होने पर ही धुंध बढ़ती है। विजिबिलिटी का स्तर भी गिर जाता है। सांस लेते वक्त इन कणों को रोकने का हमारे शरीर में कोई सिस्टम नहीं है। ऐसे में पीएम 2.5 हमारे फेफड़ों में भीतर तक
पहुंचता है।
पीएम 10 को रेस्पायरेबल पर्टिकुलेट मैटर कहते हैं। इन कणों का साइज 10 माइक्रोमीटर होता है। इससे छोटे कणों का व्यास 2.5 माइक्रोमीटर या कम होता है। इसमें धूल, गर्द और धातु के सूक्ष्म कण शामिल होते हैं। पीएम 10 और 2.5 धूल, कंस्ट्रक्शन और कूड़ा व पटाखे आदि जलाने से ज्यादा बढ़ता है। पीएम 2.5 हवा में घुलने वाला छोटा पदार्थ है। पीएम 2.5 का स्तर ज्यादा होने पर ही धुंध बढ़ती है। विजिबिलिटी का स्तर भी गिर जाता है। सांस लेते वक्त इन कणों को रोकने का हमारे शरीर में कोई सिस्टम नहीं है। ऐसे में पीएम 2.5 हमारे फेफड़ों में भीतर तक
पहुंचता है।