यह भी पढ़ें: IIT Bhilai: म्यांमार के छात्र आईआईटी भिलाई से अब पूरी करेंगे अपनी पीएचडी, कोर्स के लिए आवेदन विंडो शुरू इस चिप को ऐसा डिजाइन किया गया है कि इसे मात्र मोबाइल के बैक पर चिपकाना होगा। जब तक ये चिप डिवाइस से कनेक्ट रहेगी, तभी तक आप बैंकिंग पोर्टल पर लॉगइन कर सकेंगे। चिप के हटते ही सिस्टम खुद-ब-खुद लॉग आउट हो जाएगा। इसका फायदा यह होगा कि दुनिया के किसी भी कोने में बैठा हैकर या फिर साइबर ठग आपके बैंक अकाउंट को कभी भी एक्सेस नहीं कर पाएगा। यही सिस्टम यूपीआई के साथ भी काम करेगा।
कैसे करता है काम
आईआईटी प्रबंधन ने बताया कि इस विशेष चिप सेट को कंप्यूटर या मोबाइल के साथ कनेक्ट करने पर सबसे पहले उन वेबसाइट को कॉन्फिगर करना होता है, जिसका एक्सेस आप दूसरों को नहीं देना चाहते। इसके बाद यह ऑटोमोड में एक्टिवेट हो जाएगा।मोबाइल और पर्सनल कंप्यूटर इसके साथ लिंक होगा। मोबाइल में फूड डिलीवरी ऐप से लेकर कोई भी ईकॉम वेबसाइट और बैंक के ऑफिशियल ई-बैंकिंग सर्विसेज सभी के लिए यह डिवाइस ट्रीपल लेयर सिक्योरिटी की तरह काम करेगा। यह चिप आपके मोबाइल और लैपटॉप से उन थर्ड पार्टी ऐप्स या एप्लीकेशन को भी बैकिंग के दौरान सक्रिय कर देगी, जो चोरी छिपे आपका डाटा एक्सेस करती है। आईआईटी भिलाई के स्टार्टअप ने इस प्रोजेक्ट में काम किया है। यह डिवाइस जल्द ही बाजार में उतारेंगे। इसका फायदा बड़े कॉर्पोरेट से लेकर आम आदमी तक सभी के लिए फायदेमंद साबित होगा।
आम आदमी का लेनदेन भी होगा सुरक्षित
आईआईटी भिलाई की टीम ने इस चिपसेट का सफल परीक्षण कर लिया है। जल्द ही यह डिवाइस बाजार में उतारने की तैयारी है। आम आदमी से लेकर कॉर्पोरेट तक इसे महज 3 से 4 हजार रुपए के अंदर खरीदकर इस्तेमाल कर सकेंगे। इस चिप के जरिए आईआईटी की तैयारी साइबर ठगों की कमर तोड़ने की है। आईआईटी भिलाई ने हाल ही में छत्तीसगढ़ पुलिस के साथ एमओयू किया है। इस दौरान इस विशेष चिप के बारे में भी जानकारी दी गई। फिलहाल, आईआईटी इसे और भी अधिक प्रभावी बनाने जुटा हुआ है। कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग विभाग डेटा साइंस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग कर इसमें और अपडेशन कर रहा है। इसके बाद इसे बाजार में उतारेंगे।