CG Hindi news: क्या हो सकती है आग की वजह?
एक्सपर्ट का कहना है कि इलेक्ट्रिक वाहनों में आग लगने की वजह क्या है ये अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है। इसके लिए बहुत सी स्थितियां जिमेदार हो सकती है। सबसे बड़ा फैक्टर तापमान होता है। इलेक्ट्रिक बैटरी पैक में अनियंत्रित तरह से आग लगने को थर्मल रन वे कहते हैं। जब भी एक सेल से एनर्जी आती है या जाती है, उससे गर्मी पैदा होती है। एक बैटरी पैक में लगभग सौ सैल हो सकते हैं। इसलिए ये गर्मी इतनी अधिक होती है कि उससे थर्मल रनवे का खतरा बन सकता है। इसके अलावा इलेक्ट्रिक कार या स्कूटर की मैन्युफैक्चरिंग के दौरान गड़बड़ी भी अधिकतर बार आगजनी की वजह होती है। यह लिथियम आयन बैटरियां ठंडे तापमान वाली जगहों पर बेहतर तरीके से काम करती हैं, जबकि अधिक गर्मी वाली जगहों पर बैटरी पैक का तापमान बढ़कर 90 से 100 डिग्री तक पहुंच सकता है। जिससे बैटरी पैक में ब्लास्ट या चार्जिंग के दौरान आग लग सकती है।
CG Hindi news: कॉलोनियों में ईवी पर रोक
शहर के दो और चार पहिया इलेक्ट्रिक वाहन शोरूम के मुताबिक कुछ महीनों में आगजनी की घटनाएं जरूर हुई हैं, लेकिन संया बहुत ज्यादा नहीं है। हालांकि फिर भी इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में डाउन आया है। तीन में एक व्यक्ति जो पहले तक इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए कार या बाइक शोरूम पहुंच रहा था, उसने डील लॉक नहीं की। इधर, शहर के कुछ बिल्डिंग्स और अपार्टमेंट ने कैंपस में ईवी बाइक या कार चार्जिंग या उसे कैंपस में खड़ी करने पर रोक लगा दी है। इसके लिए कॉलोनियों के वॉट्सऐप ग्रुप पर सभी मेंबर्स को संदेश जारी किए गए हैं।
CG Hindi news: कैसे काम करती है बैटरी पैक
इलेक्ट्रिक वाहनों से जुड़े जानकारों ने बताया कि ईवी वाहन में लिथियम आयन बैटरी लगी होती है। लिथियम आयन बैटरी में एक तरफ कैथोड होता है वहीं दूसरी तरफ एनोड होता है। और इनके बीच में इलेक्ट्रोलाइड नाम का कैमिकल होता है। बैटरी चार्ज करते समय मेटल के आयन कैथोड से एनोड की तरफ जाते हैं। किसी कनेक्टेड चार्जिंग डिवाइस के जुड़ने पर उलटी दिशा में बहने लगते हैं। इस पूरी प्रक्रिया में वे फ्री आयन बनाते हैं, जो या तो कैथोड की तरफ या एनोड की तरफ जमा होते हैं।
CG Hindi news: ये सिस्टम ही आग लगने की संभावनओं को कम करता है…
स्कूटर या कार में इस्तेमाल होने वाली बैटरी सिर्फ एक मात्र बैटरी नहीं, बल्कि सैकड़ों का एक समूह है, जिसमें एक साथ सैकड़ों बैटरियों को जोड़ा जाता है। इसे बैटरी पैक कहा जाता है। ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफीसेंसी के मुताबिक इस तरह की बैटरी पैक में एक बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम लगा होता है, जो कि बैटरी पैक में मौजूद सभी लिथियम आयन बैटरी के साथ जुड़कर काम करता है। ये बैटरी पैक का वोल्टेज मापता है और देखता है कि एक वक्त में कितना चार्ज बैटरी पैक से निकल रहा है। तापमान का पता लगाने सेंसर्स लगे होते हैं। जो लगातार बैटरी पैक में भीतरी और बाहरी तापमान का पता लगाते हैं। यह मैनेजमेंट सिस्टम ही वाहन में आग लगने की संभावनाओं को कम करता है।
केस-1
भिलाई के कैलाश नगर में रहने वाले बीएसपीकर्मी ने अपने ईवी स्कूटर को चार्ज पर लगाया था। आधे घंटे बाद स्कूटर में जोरदार ब्लास्ट हुआ, पूरे घर में धुआं भर गया। कार में भी आग लग गई।
केस-2
कुछ दिन पहले रायपुर से दुर्ग आ रही एक इलेक्ट्रिक कार रास्ते में जल उठी। पहले इसमें धुआं निकलता दिखा इसके बाद बैटरी पैक फटने की आवाज आई।चालक और परिवारजनों ने तुरंत बाहर आ कर अपनी जान बचाई।