शिविर में 100 से भी अधिक लोग पहुंचे थे। कुछ लोग दवा लेकर घर लौट गए थे। वहीं शिविर स्थल पर कुछ लोगों क ी नजर दवा के एक्सपायरी होने की बात कहने पर वे विटामिन की दवा है कुछ नहीं होने की बात कहकर मामले को दबाने का प्रयास किया। दुर्ग सीएचएमओ डॉ. जीएस ठाकुर ने बताया कि अधिकारियों से बातचीत की गई। फरवरी में एक्सपायरी होने वाली दवा के वितरण पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है। दवा को अलग रखने के निर्देश दिए गए हैं।
हल्ला हुआ तो शिविर का किया समापन मामला तुल पकडऩे लगा तो विभाग के कर्मचारियों ने इस आशय की जानकारी केन्द्र प्रभारी को दी। इसके बाद कर्मचारी एक के बाद एक शिविर स्थल से गायब होने लगे। कुछ देर बाद पंडाल खाली हो गया।
दिया दलील शिविर स्थल पहुंचे कुछ लोगों ने जब एक्सपायरी दवा देने की शिकायत की तो कर्मचारियों का कहना था कि वे मरीज को यह कहते हुए दवा का वितरण कर रहे है कि फरवरी बीतने में 14 दिन का समय शेष है। वे दवा को १४ दिनों के भीतर खत्म करने की सलाह दे रहे है। साथ ही हिदायत दे रहे है कि दवा को १४ दिन बाद नहीं खाना है।
दवा का स्टाक खत्म करने लगा रहे शिविर पत्रिका ने एक्सपाइरी दवा वितरण करने की सच्चाई का पता लगाने अधिकारियों से चर्चा की तो यह बात सामने आई कि सीजीएमएसी से सप्लाई की गईदवा लंबे समय से शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रो में रखा है। अचानक एक्सपायरी डेट फरवरी होने का खुलासा होते ही दवा को खपाने कर्मचारियों ने मोहल्ले में शिविर लगाना शुरू कर दिया।
जिम्मेदार अधिकारी बचाव की मुद्रा में शहरी स्वास्थ्य केन्द्र की मानिटरिंग और संचालन के लिए विभाग ने अलग से अधिकारी नियुक्त किया है। दुर्ग शहर के केन्द्रों का प्रभार दीक्षा पुरी पर है। मामले की सच्चाई जानने के लिए उनके मोबाइल नंबर 9993856706 पर संपर्क किया गया, लेकिन वे बात करने से बचती रही।