इधर विज्ञापन देखकर जिले के लोकल मेडिकल स्टोर्स संचालक और दवा विक्रेता संघ के बीच हड़कंप मच गया है। जिस बैच की स्ट्रेपसिल्स को कंपनी ने गुणवत्ता मानकों पर खरे नहीं उतरने के चलते अमानक करार देकर बाजार से वापस मंगाया है, उसकी करोड़ों गोलियां पहले ही बिक चुकी हैं। ऐसे में एक मई को जारी हुए विज्ञापन के बाद से मेडिकल स्टोर्स संचालक असमंजस की स्थिति में है।
मिले हैं हानिकारक भारी तत्व, इसलिए वापस मंगा रहे गोलियां स्ट्रेपसिल्स गोली बनाने वाली विदेशी फार्मा कंपनी के द्वारा जारी किए गए टोल फ्री नंबर 18002585820 पर जब पत्रिका ने संपर्क किया तो बताया गया कि प्रतिबंधित बेच में निर्मित स्ट्रेपसिल्स में हानिकारक भारी तत्व मिले हैं। जो स्वास्थ्य की दृष्टि से अच्छा नहीं है। टोल फ्री नंबर अटेंड करने वाली विशेषज्ञ ने प्रतिबंधित बैच का नंबर बताते ही इसे तुरंत मेडिकल शॉप में जाकर वापस करने कहा।
उन्होंने बताया कि देशभर में स्ट्रेपसिल्स गोली के डिस्ट्रीब्यूटर्स, स्टेट और लोकल पर्चेसर को ई-मेल के जरिए जानकारी दे दी गई है। जिसमें जनवरी 2017 से दिसंबर 2017 के बीच बने स्ट्रेपसिल्स गोली को वापस करने कहा है। साथ ही इसके विक्रय और उपभोग नहीं करने की सलाह दी गई है।
बिना डॉक्टरी सलाह के करते हैं उपयोग
स्ट्रेपसिल्स हर्बल ड्रॉप्स-मेंथॉल लोजेंज की एक रुपए में मिलने वाली गोलियां को बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक हर उम्र, वर्ग के लोग बिना किसी डॉक्टरी सलाह के उपयोग करते हैं। सर्दी-खांसी में गले की खिचखिच और राहत के लिए यह विक्स की तरह बेहद लोकप्रिय गोली है। ऐसेे में एक दो नहीं पूरे आठ महीने के दौरान निर्मित बैच की गोलियों में हानिकारक तत्व की उपस्थिति से बड़ा सवाल खड़ा हो गया। हर दिन करोड़ों बिकने वाली गोलियों की वजह से लोगों की जान पर बन आई है।
स्ट्रेपसिल्स हर्बल ड्रॉप्स-मेंथॉल लोजेंज की एक रुपए में मिलने वाली गोलियां को बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक हर उम्र, वर्ग के लोग बिना किसी डॉक्टरी सलाह के उपयोग करते हैं। सर्दी-खांसी में गले की खिचखिच और राहत के लिए यह विक्स की तरह बेहद लोकप्रिय गोली है। ऐसेे में एक दो नहीं पूरे आठ महीने के दौरान निर्मित बैच की गोलियों में हानिकारक तत्व की उपस्थिति से बड़ा सवाल खड़ा हो गया। हर दिन करोड़ों बिकने वाली गोलियों की वजह से लोगों की जान पर बन आई है।
नहीं बेचेंगे अमानक गोली
छत्तीसगढ़ दवा विक्रेता संघ के महासचिव अविनाश अग्रवाल ने बताया कि स्ट्रेपसिल्स की हर दिन लाखों गोलियां मेडिकल स्टोर्स में बिकती हैं। प्रदेश में लगभग 12 हजार और दुर्ग जिले में 950 मेडिकल स्टोर्स पंजीकृत हैं। ऐसे में कंपनी के विज्ञापन को देखकर जानकारी ली जा रही है। लोगों की सेहत को देखते हुए पूरी अमानक बैच की गोलियां अलग रखने की सूचना प्रसारित की जा रही है।
छत्तीसगढ़ दवा विक्रेता संघ के महासचिव अविनाश अग्रवाल ने बताया कि स्ट्रेपसिल्स की हर दिन लाखों गोलियां मेडिकल स्टोर्स में बिकती हैं। प्रदेश में लगभग 12 हजार और दुर्ग जिले में 950 मेडिकल स्टोर्स पंजीकृत हैं। ऐसे में कंपनी के विज्ञापन को देखकर जानकारी ली जा रही है। लोगों की सेहत को देखते हुए पूरी अमानक बैच की गोलियां अलग रखने की सूचना प्रसारित की जा रही है।
राहत है पर सेहतमंद नहीं
डॉ. एसके जामगढ़े ने बताया कि स्ट्रेपसिल्स की गोलियां कुछ समय के लिए राहत देती हैं पर इसका ज्यादा उपयोग हानिकारक हो सकता है। कंपनी ने जिस तरह से विज्ञापन जारी करके गुणवत्ता कारणों से गोलियां वापस मंगाई है इसे देखते हुए लोगों को सर्तकता अख्तियार करने की जरूरत है। कोशिश करें सर्दी-खांसी और गले की खरास के लिए डॉक्टरी सलाह से सही दवाईयों का इस्तेमाल करें।
डॉ. एसके जामगढ़े ने बताया कि स्ट्रेपसिल्स की गोलियां कुछ समय के लिए राहत देती हैं पर इसका ज्यादा उपयोग हानिकारक हो सकता है। कंपनी ने जिस तरह से विज्ञापन जारी करके गुणवत्ता कारणों से गोलियां वापस मंगाई है इसे देखते हुए लोगों को सर्तकता अख्तियार करने की जरूरत है। कोशिश करें सर्दी-खांसी और गले की खरास के लिए डॉक्टरी सलाह से सही दवाईयों का इस्तेमाल करें।