यह भी पढ़ें: CG News: स्कूल-सफाई कर्मचारियों का बड़ा ऐलान, सामूहिक आत्मदाह करने की दी चेतावनी, जानें मामला… इसके बाद विभागों में उसका मेडिकल बिल स्वीकृति के लिए जमा करते हैं। हर साल इतना बजट विभागों को नहीं मिलता है, इससे क्लेम की राशि का भुगतान हो सके। इसके क्लीयरेंस में कई वर्ष लग जाते हैं। सभी विभागों में कार्यरत अधिकारी कर्मचारी संगठनों से मौलिक मांग को अपने संगठनों की प्रमुख मांगों में जोड़कर एक साथ प्रदेश में कैशलेस इलाज की सुविधा की मांग रखने अपील की है। प्रदेश के सभी अधिकारी व कर्मचारी चाहते हैं कि राज्य के निजी अस्पताल व राज्य के बाहर मान्यता प्राप्त अस्पतालों में कैशलेस इलाज सुविधा लागू करना चाहिए। इससे गंभीर बीमारी के इलाज में उनको आसानी होगी।
संचालक स्वास्थ्य सेवाएं रितुराज रघुवंशी से प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के प्रतिनिधि मंडल ने इस मांग को गंभीरता से रखा। विभाग के कितने अधिकारी कर्मचारी के लंबित मेडिकल बिल का बजट के आभाव में भुगतान नहीं होने का ध्यान आकर्षित कराया। कैशलेस इलाज सुविधा से शासन व कर्मियों को क्या लाभ होगा, इससे भी उन्होंने शासन को अवगत कराया।