पुरानी पीढ़ी भले ही जानती हो, लेकिन नई पीढ़ी को जानना जरूरी है कि साल 2001 में सोने के दाम अक्टूबर में 4300 रुपए प्रति तोला थे। यानी 23 साल में सोने का मूल्या 16 गुना बढ़ोतरी हो गई। साल 1996 में सोने का मूल्य 5,160 रुपए था, लेकिन इसमें गिरावट के बाद यह दाम लगातार कम होते रहे। उसके बाद आज तक गोल्ड के दाम में कभी भी भारी गिरावट का दौर नहीं दिखाई दिया।
कारोबारियों का कहना है कि सोने के दाम में फिलहाल गिरावट के आसार कम ही दिखाई पड़ रहे हैं। अप्रैल से लगन का सीजन शुरू हो जाएगा। इस तरह शादियों के गहने लगभग 12 फीसदी महंगे होने की संभावना बन रही है। वहीं बाजार में उतार-चढ़ाव में तेजी आई तो दाम 75 हजार रुपए प्रति दस ग्राम तक पहुंचने की भी पूरी संभावना बन रही है।
दुर्ग सराफा बाजार के अध्यक्ष प्रकाश सांखला ने कहा कि सोने की कीमत हफ्तेभर में ही 4000 रुपए तक बढ़ गए हैं। इन दामों में फिलहाल कमी आने की संभावना नहीं दिख रही है। सोना ऑल टाइम हाइक के साथ 68 हजार को पार कर गया है। यह आंकड़ा 72 हजार पार भी पहुंच सकता है।
अभी | 68,300 |
2023 | 58,600 |
2022 | 52,950 |
2021 | 50,045 |
2020 | 48,651 |
2019 | 35,220 |
2018 | 31,438 |
2017 | 29,667 |
2016 | 28,623 |
2015 | 26,343 |
2014 | 28,006 |
2013 | 29,600 |
2012 | 31,050 |
2011 | 26400 |