गेड़ी बॉल खेल में आधे-आधे घंटे दो हाफ होते हैं। पाऊवार मीडिल स्कूल गेड़ी बॉल के टीम के कैप्टन आठवीं के छात्र गौरव कुमार साहू ने बताया कि एक टीम में 9 खिलाड़ी और दो प्लेयर एक्सट्रा होते हैं। अब तक उनकी टीम लगभग दस प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले चुकी है। सभी टूर्नामेंट में जीत का परचम लहराया है। छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा गोल करने का रेकॉर्ड भी उनके ही टीम के नाम है। टीम में फिलहाल 6 वीं से लेकर 8 वीं कक्षा में पढऩे में बच्चे शामिल हैं।
गेड़ी बॉल खेल को वैसे तो राज्य सरकार ने सरकारी स्कूलों की स्कूल गेम्स में शामिल किया है। दो साल बाद भी प्रदेश के महज इक्का-दुक्का स्कूलों में ही गेड़ी बॉल टीम तैयार हो पाई है। ऐसे में पाऊवारा गांव में इंजीनियरिंग पास 27 वर्षीय सुमन लाल साहू, 27 वर्षीय संदीप हिरवानी, घनेंद्र साहू और सोनू साहू की टीम मिलकर गांव के बच्चों को गेड़ी बॉल खेल में पारंगत कर दिया है। प्रशिक्षक सोनू ने बताया कि बीएसपी स्पोट्र्स डिपार्टमेंट के तजाउद्दीन सर ने गेड़ी बॉल से पहली बार रूबरू करवाया था। तब इस खेल का न नियम पता था न ही कोई प्रतियोगिता हुई थी। स्कूल के शिक्षकों के माध्यम से खेल की बारीकियों को सीखा और इसे बच्चों को सिखाना शुरू किया।
पुरई गांव के रहने वाले इंजीनियर सुमन ने बताया कि जब उन्होंने पाऊवारा में जयहिंद आजाद स्पोट्र्स क्लब खोला तो उनके यहां केवल 20 बच्चे सीखने आते थे। धीरे-धीरे इनकी संख्या बढ़कर 150 हो गई। गांव के सरपंच, पूर्व सरपंच, जनपद सदस्य, समाजसेवी हर्ष साहू और शाला के प्राचार्य के सहयोग से रोजाना 150 बच्चों को खो-खो, कबड्डी, गेड़ी बॉल, एथलेटिक्स और बाकी खेल विधाओं में तराशा जा रहा है। ग्रामीण पृष्ठभूमि के कारण इन बच्चों से किसी तरह का फीस भी नहीं लिया जाता।