यह भी पढ़ें: Navratri 2024: देवी मंदिरों में बढ़ा मनोकामना ज्योति कलश का रेट, अमेरिका, इंग्लैंड, आस्ट्रेलिया व मलेशिया से भी बुकिंग यह शीतला मंदिर प्रदेश का ऐसा पहला प्राचीन मंदिर है, जहां मां शीतला सात रुपों में विराजमान है। यहां का जलकुंड कभी सुखता नहीं है। मान्यता है कि जलकुंड के पानी सेवन करने व शरीर में लगाने से असाध्य रोग दूर हो जाते है। इन्हीं वजहों से प्रतिवर्ष नवरात्रि के दोनो पर्व चैत्र व क्वांर पर यहां श्रद्धालुओं की भीड़ से मेला का माहौल होता है। मां सतरुपा शीतला मंदिर सेवा समिति सिविललाईन कसारीडीह द्वारा नवरात्र पर इस वर्ष भी 3 अक्टूबर से 12 अक्टूबर तक विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों के अलावा सांस्कृतिक आयोजन किए गए है।
कल शुभ मुहुर्त में जलेंगे जोत
मंदिर में नवरात्र पर्व की शुरुआत 3 अक्टूबर को शुभ मुहूर्त पर 11.30 बजे मनोकामना ज्योति कलश प्रज्जवलन के साथ होगी। 5 अक्टूबर को रात्रि 8 बजे छत्तीसगढ़ी सांस्कृतिक कार्यक्रम अंतर्गत जिला बालोद के ग्राम मोखा निवासी प्रसिद्ध लोकगायक युगल किशोर साहू द्वारा निर्देशित कारी बदरिया कार्यक्रम की प्रस्तुति दी जाएगी। पंचमी पर 8 अक्टूबर को रात्रि 8 बजे प्रसिद्ध कलाकार भूपेन्द्र यादव ग्राम करमतरा जिला खैरागढ़ द्वारा जस झांकी की प्रस्तुति दी जाएगी। अष्टमी पर 11 अक्टूबर को शाम 4 बजे हवन-पूजन के पश्चात माता स्वरुप कन्याओं को सामूहिक भोज करवाया जाएगा। नवरात्रि के समापन पर 12 अक्टूबर को दोपहर 2 बजे ज्योति कलश की विसर्जन शोभायात्रा निकाली जाएगी।