सीएम ने कहा कि विचार क्रांति से पीढिय़ों के निर्माण का जो लक्ष्य गायत्री परिवार के संस्थापक आचार्य श्रीराम शर्मा ने निर्धारित किया है, उन्हें पाने में यह विश्वविद्यालय महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय विज्ञान के साथ वेदों, कला के साथ संस्कृति और अध्यात्म को जीवित करने की संस्था के रूप में विख्यात होगी। कार्यक्रम में अखिल विश्व गायत्री परिवार के प्रमुख और विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. प्रणव पण्डया, विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष धरमलाल कौशिक, सरोज पाण्डेय, मंत्री रमशीला साहू, अभिषेक सिंह, श्याम बैस, विधायक सांवला राम डाहरे, आईपी मिश्रा और हरीश गांधी मौजूद थे।
गायत्री परिवार के प्रमुख डॉ. प्रणव पण्डया ने प्रदेश के आदिवासी और पिछड़े क्षेत्रों में विकास की गति को बढ़ाने के लिए वैचारिक क्रांति के साथ विस्तृत कार्ययोजना पर काम करने की इच्छा जताई। मुख्यमंत्री ने इस पर गायत्री परिवार को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया।
गायत्री परिवार के प्रमुख डॉ. पण्डया ने बताया कि विश्वविद्यालय में सूचना और प्रौद्योगिकी, थ्री-डी, विज्ञान तकनीक, एनीमेशन, पत्रकारिता और अन्य सामान्य पाठ्यक्रमों के साथ योग, धर्मशास्त्र, भारतीय दर्शन, वेद-पुराण, व्यक्तित्व विकास और सभ्यता, भारतीय संस्कृति सहित 53 पाठ्यक्रमों में स्नातक और स्नातकोत्तर की पढ़ाई होगी।
डॉ. पण्डया ने बताया कि विश्वविद्यालय में पढऩे के लिए विद्यार्थियों को फीस की चिंता करने की जरूरत नहीं होगी। फीस नहीं दे सकने वाले विद्यार्थियों को भी विश्वविद्यालय में प्रवेश दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि ऐेसे निर्धन गरीब विद्यार्थियों की फीस की भरपाई विश्व स्तर पर विस्तारित गायत्री परिवार के सदस्यों से विद्यादान के रूप में प्राप्त सहायता से की जाएगी।