कोरोना ने घटाया रावण का आकार
डॉ. जितेंद्र ने बताया कि उनके पास इस बार 25 समितियों ने रावण, मेघनाथ और कुंभकरण का पुतला तैयार करने का ऑर्डर दिया है। लेकिन कोविड की वजह से रावण का कद कम कर दिया गया। जहां कभी 70 फीट के रावण के पुतले बनते थे, वहां केवल 40 फीट का पुतला बनाया जा रहा है। वे दुर्ग-रायपुर सहित आसपास के कई जिलों और गांवों की समितियों के लिए भी पुतले तैयार कर रहे हैं। जितेन्द्र ने बताया कि एक पुतले की कीमत करीब 25 हजार रुपए तक होती है।
50 से ज्यादा कलाकार कर रहे काम
कुथरेल में रावण का पुतला बनाने वाले 50 से ज्यादा लोग हैं। अब गांव में बच्चों की एक पूरी फौज तैयार हो चुकी है। वे 8 से 10 फीट तक के रावण का पुतला आसानी से बना लेते हैं। अंचल कुमार, कृष्णा साहू, राजू देशमुख, चरण जैसे कई युवा हैं, जो जितेन्द्र के साथ काम कर रहे हैं।
मुखौटा भी है खास
जितेंद्र ने बताया कि रावण का शरीर तैयार करने बांस, पुरानी बोरी का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन मुुखौटा बनाने में वक्त लगता है। इसके लिए पहले मिट्टी का एक खांचा तैयार किया जाता है। जिस पर कागज की लुगदी लगाई जाती है। उसके बाद अखबार को एक-एक लेयर कर उसपर बिछाया जाता है। करीबन 20 से 25 लेयर के बाद उसे सूखने छोड़ दिया जाता है। जब यह स्ट्रक्चर सूख जाता है, तब स्प्रे पेटिंग के जरिए इसे चेहरे का रूप दिया जाता है। यह चेहरा दशहरा के दिन ही लगाया जाता है।
(कोमल धनेसर की रिपोर्ट)