कवर्धा कॉलेज में 50 लोगों को किया फेल
कवर्धा पीजी कॉलेज में 50 से अधिक विद्यार्थियों फेल किया गया। राजनांदगांव में भी यही दिक्कत सामने आई। दुर्ग जिले के विद्यार्थियों ने तो सीधे विवि पहुंचकर अपना पक्ष रखा, लेकिन संभाग के दूर-दराज के छात्रों के लिए यहां तक आना मुसीबत बन गया।
कवर्धा पीजी कॉलेज में 50 से अधिक विद्यार्थियों फेल किया गया। राजनांदगांव में भी यही दिक्कत सामने आई। दुर्ग जिले के विद्यार्थियों ने तो सीधे विवि पहुंचकर अपना पक्ष रखा, लेकिन संभाग के दूर-दराज के छात्रों के लिए यहां तक आना मुसीबत बन गया।
75 के पेपर में दिए 86 अंक, नहीं कराई जांच
गुजरात स्कूल बोर्ड ने अपने 3200 शिक्षकों को सिर्फ इसलिए तलब किया, क्योंकि शिक्षकों ने जांच के दौरान विद्यार्थियों को 50 नंबर के प्रश्नपत्र में 80 अंक दे दिए। बोर्ड ने शिक्षकों से स्पष्टीकरण मांग लिया। हूबहू ऐसा ही मामला हेमचंद यादव विश्वविद्यालय के साथ भी हुआ है। विवि ने बीए भाग-२ के नतीजे जारी किए, जिसमें एक छात्रा को 75 अंकों के अंग्रेज के पर्चे में 86 अंक दिए गए।
गुजरात स्कूल बोर्ड ने अपने 3200 शिक्षकों को सिर्फ इसलिए तलब किया, क्योंकि शिक्षकों ने जांच के दौरान विद्यार्थियों को 50 नंबर के प्रश्नपत्र में 80 अंक दे दिए। बोर्ड ने शिक्षकों से स्पष्टीकरण मांग लिया। हूबहू ऐसा ही मामला हेमचंद यादव विश्वविद्यालय के साथ भी हुआ है। विवि ने बीए भाग-२ के नतीजे जारी किए, जिसमें एक छात्रा को 75 अंकों के अंग्रेज के पर्चे में 86 अंक दिए गए।
गलती पर डाल दिया पर्दा
एक स्कूल बोर्ड ने अपनी साख पर धब्बा बर्दाश्त नहीं किया और कार्रवाई की, लेकिन अपने हेमचंद विवि ने इस गलती पर ऐसा पर्दा डाला कि 86 अंक कैसे दिए गए स्पष्ट ही नहीं किया। विवि ने इसे सॉफ्टवेयर की मामूली गलती बताकर मामले को रफा-दफा कर दिया। न तो परीक्षा एजेंसी जांच या कार्रवाई के दायरे में आई और न ही कॉपी जांचने वाला प्रोफेसर।
एक स्कूल बोर्ड ने अपनी साख पर धब्बा बर्दाश्त नहीं किया और कार्रवाई की, लेकिन अपने हेमचंद विवि ने इस गलती पर ऐसा पर्दा डाला कि 86 अंक कैसे दिए गए स्पष्ट ही नहीं किया। विवि ने इसे सॉफ्टवेयर की मामूली गलती बताकर मामले को रफा-दफा कर दिया। न तो परीक्षा एजेंसी जांच या कार्रवाई के दायरे में आई और न ही कॉपी जांचने वाला प्रोफेसर।
विवि की विश्वसनीयता पर उठने लगा सवाल
भले ही विवि ने दावा किया कि गलती को तुरंत ही ठीक कर दिया गया, लेकिन इससे विवि की विश्वसनीयता पर सवाल जरूर उठ खडे हुए। कुलसचिव, हेमचंद विवि डॉ. राजेश पांडेय ने बताया कि विद्यार्थियों को परीक्षा परिणाम में गैरहाजिर बताकर फेल करने के संबंध में जानकारी नहीं मिली है। परीक्षा विभाग से जानकारी लेनी होगी। मंगलवार को विवि पहुंचकर पता कराता हूं।
भले ही विवि ने दावा किया कि गलती को तुरंत ही ठीक कर दिया गया, लेकिन इससे विवि की विश्वसनीयता पर सवाल जरूर उठ खडे हुए। कुलसचिव, हेमचंद विवि डॉ. राजेश पांडेय ने बताया कि विद्यार्थियों को परीक्षा परिणाम में गैरहाजिर बताकर फेल करने के संबंध में जानकारी नहीं मिली है। परीक्षा विभाग से जानकारी लेनी होगी। मंगलवार को विवि पहुंचकर पता कराता हूं।
बीएड कॉलेजों में प्रवेश 13 से बीएड कॉलेज संचालकों की इस साल चांदी हो गई है। प्रदेश में बीएड की 14 हजार 50 सीटें हैं। काउंसलिंग के दूसरे ही चरण में ही 10 हजार 500 सीट भर गई हैं। पहले चरण के 12 हजार आवेदनों में से 7337 ने प्रवेश लिया था, जबकि दूसरे चरण में यह आंकड़ा सोमवार तक की स्थिति में 3187 रहा।
हाल में मौसम विभाग ने प्रदेश में भारी बारिश की चेतावनी दी थी, जिसकी वजह से विभाग ने प्रवेश तिथि को आगे बढ़ा दिया था। इसके तहत ४ सितंबर तक दूसरे चरण के प्रवेश देने के निर्देश थे, यानि छात्र मंगलवार को प्रवेश ले सकेंगे। इसके बाद पुराने शेड्यूल से ही काउंसलिंग का तीसरा चरण
प्रारंभ होगा।
प्रारंभ होगा।
२२ सितंबर से होगा फेस-टू-फेस राउंड
बीएड और डीएलएड की सामान्य काउंसलिंग समाप्त होने के बाद 22 से 29 सितंबर तक फेस-टू-फेस राउंड काउंसलिंग होगी। एससीईआरटी के शेड्यूल में फिलहाल कोई बदलाव नहीं है। परिषद के अधिकारियों के मुताबिक इस साल बीएड में प्रवेश का ग्राफ बेहतर रहा है। ट्विनसिटी के सभी नामी कॉलेजों की 85 फीसदी सीटें भर चुकी हैं।
बीएड और डीएलएड की सामान्य काउंसलिंग समाप्त होने के बाद 22 से 29 सितंबर तक फेस-टू-फेस राउंड काउंसलिंग होगी। एससीईआरटी के शेड्यूल में फिलहाल कोई बदलाव नहीं है। परिषद के अधिकारियों के मुताबिक इस साल बीएड में प्रवेश का ग्राफ बेहतर रहा है। ट्विनसिटी के सभी नामी कॉलेजों की 85 फीसदी सीटें भर चुकी हैं।