मैनुअल रिकॉर्ड होने के कारण विद्यार्थियों को हो रही परेशानी के मद्देनजर यूजीसी ने नैड शुरू किया। इसे बैंक का स्वरूप दिया गया है। जैसे बैंक में पैसे जमा होते हैं उसी तरह राष्ट्रीय स्तर पर विश्वविद्यालयों के एकेडमिक रिकॉर्ड का बैंक बना है। इससे छात्रों को प्रमाणपत्र, अंकपत्र, रजिस्ट्रेशन नंबर, माइग्रेशन आदि सभी जरूरी कागजात ऑनलाइन उपलब्ध हो जाएंगे। अंकसूची गुम हो जाने या कोई और दिक्कत में भी छात्रों को घबराने की दिक्कत नहीं होगी। वे नैड लॉगइन कर अपनी मार्कशीट पुन: निकाल पाएंगे।
आखिरकार तीन दिन खोला पोर्टल
आखिरकार हेमचंद यादव विश्वविद्यालय ने तीन दिनों के बाद सोमवार को मुख्य परीक्षा के ऑनलाइन फार्म का लिंक शुरू कर दिया। दोपहर ३ बजे विवि ने विद्यार्थियों को मोबाइल पर मैसेज भेजकर इसकी सूचना दी। प्रथम वर्ष के नियमित व स्वाध्यायी विद्यार्थियों के लिए भी पोर्टल पर फार्म भरने का विकल्प दे दिया गया। कायदे से ऑनलाइन फार्म शुक्रवार से भरे जाने थे, लेकिन विवि ने अपनी वेबसाइट पर फार्म का लिंक डाला ही नहीं था।
हेमचंद यादव विश्वविद्यालय ने इस साल द्वितीय वर्ष परीक्षा में शामिल होने वाले विद्यार्थियों को मैसेज करके बताया है कि प्रथम वर्ष परीक्षा के दौरान उनके द्वारा बनाया आईडी व पासवर्ड इस बार भी इस्तेमाल करना होगा। इसके साथ ही प्रथम वर्ष में शामिल होने वाले विद्यार्थियों के लिए न्यू यूजर का विकल्प चालू किया गया।
हेमचंद विवि की इस लापरवाही के बारे में पत्रिका ने सबसे पहले खबर प्रकाशित कर बताया कि परीक्षा के ऑनलाइन आवेदन भरने वेबसाइट पर लिंक डाला ही नहीं गया। इससे तीन दिनों तक विद्यार्थी आवेदन जमा नहीं कर पाए। रविवार को विवि प्रशासन ने आनन-फानन में व्यवस्था सुधार दी।
मुख्य परीक्षा के फार्म जमा करने के दौरान नैड पंजीयन भी अपलोड करना होगा। विवि छात्रों की मार्कशीट नैड में जमा कराएगा, जिसे विद्यार्थी हमेशा के लिए सुरक्षित रख सकेंगे। फार्म भरने के दौरान दिक्कत नहीं आएगी। इसको लेकर एजेंसी को हिदायत दी गई है।
भूपेंद्र कुलदीप, उपकुलसचिव, हेमचंद विवि